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पंचायत चुनावों से भाग रही सुक्खू सरकार, CM सुक्खू लिखित में दें कि समय पर होंगे चुनाव : जयराम ठाकुर

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मंडी, 28 अक्टूबर। हिमाचल प्रदेश में पंचायत चुनावों को लेकर सियासत गरमा गई है। नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर और मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू के बीच आरोप.प्रत्यारोपों का दौर तेज हो गया है। मंडी में सोमवार को जयराम ठाकुर ने सरकार पर तीखा हमला बोलते हुए कहा कि व्यवस्था परिवर्तन का दावा करने वाली सुक्खू सरकार अब पंचायत चुनावों से भाग रही है। उन्होंने चुनौती दी कि अगर मुख्यमंत्री वास्तव में समय पर चुनाव कराने को लेकर आश्वस्त हैं, तो वे इसे लिखित रूप में घोषित करें, अन्यथा मान लें कि सरकार चुनाव टालने की कोशिश कर रही है।

जयराम ठाकुर ने कहा कि सरकार हर दिन पंचायत चुनाव को लेकर जनता से झूठ बोल रही है और विपक्ष पर बेबुनियाद आरोप लगा रही है। उन्होंने आरोप लगाया कि राज्य सरकार अब तक आरक्षण रोस्टर तय नहीं कर पाई है, जबकि न्यायालय के आदेश के अनुसार यह प्रक्रिया चुनाव से 90 दिन पहले पूरी होनी चाहिए। उनके अनुसार अब सरकार पंचायतों के पुनर्सीमांकन का बहाना बनाकर चुनाव को आगे बढ़ाने की तैयारी में है।

जयराम ठाकुर ने साफ कहा कि अगर सरकार का वास्तव में पंचायत चुनाव कराने की नीयत है, तो अब तक पुनर्सीमांकन का कार्य पूरा क्यों नहीं हुआ। सच्चाई यह है कि सुक्खू सरकार को जनता का सामना करने का डर है। जिसके चलते ही कांग्रेस पंचायत चुनाव से भाग रही है और उन्हें टालने का प्रयास कर रही है।

जयराम ठाकुर के बयान पर मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने पलटवार करते हुए कहा कि पंचायत चुनाव निर्धारित समय पर ही होंगे और सरकार पूरी पारदर्शिता के साथ प्रक्रिया को आगे बढ़ा रही है। सीएम सुक्खू ने कहा कि विपक्ष का मकसद केवल भ्रम फैलाना है। भाजपा को यह स्वीकार नहीं हो रहा कि अब राज्य में कामकाज पारदर्शी ढंग से हो रहा है। वे जानबूझकर पंचायत चुनावों को लेकर झूठ फैला रहे हैं ताकि लोगों में अस्थिरता पैदा की जा सके।

मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार पंचायतों के पुनर्सीमांकन की प्रक्रिया को संवैधानिक दिशा.निर्देशों के तहत पूरा कर रही है। हम जल्द ही पंचायत चुनाव की पूरी रूपरेखा सार्वजनिक करेंगे। भाजपा के पास मुद्दे खत्म हो गए हैं, इसलिए वे प्रशासनिक प्रक्रियाओं को राजनीति से जोड़ रहे हैं।

राज्य में पंचायत चुनाव अब राजनीतिक टकराव का प्रमुख मुद्दा बन गए हैं। भाजपा सरकार पर चुनाव टालने का आरोप लगा रही है, जबकि कांग्रेस सरकार इसे प्रशासनिक प्रक्रिया और आरक्षण तय करने का मामला बता रही है। दोनों दलों के बीच यह बहस आने वाले महीनों में और तीखी होने की संभावना है।

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