न्यूज अपडेट्स
शिमला, 12 अक्टूबर। नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर ने कहा है कि हिमाचल प्रदेश सरकार का तीन साल का कार्यकाल पूरा होने जा रहा है, लेकिन जनता को गारंटियों के नाम पर ठगा गया है। शिमला से जारी बयान में उन्होंने कहा कि प्रदेश में कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं का जमावड़ा होने वाला है, ऐसे में उन्हें मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू से यह पूछना चाहिए कि उनकी कितनी गारंटियां पूरी हुई हैं और किसे इनका वास्तविक लाभ मिला है।
जयराम ठाकुर ने सवाल उठाया कि सरकार बताए — कितने युवाओं को ‘ठूंजा साल वाली’ पक्की नौकरी मिली, कितनों को राजीव गांधी स्टार्टअप योजना का लाभ मिला, कितनी महिलाओं को सम्मान निधि दी गई और किसानों का दूध ₹100 प्रति किलो के हिसाब से खरीदा गया। उन्होंने कहा कि सेब उत्पादकों को दाम खुद तय करने की गारंटी दी गई थी, लेकिन इस बार सेब का रेट पिछले 27 वर्षों में सबसे कम रहा।
नेता प्रतिपक्ष ने कांग्रेस नेतृत्व से आग्रह किया कि वह केवल सरकारी आंकड़ों पर भरोसा न करे, बल्कि जमीनी सच्चाई भी देखे। उन्होंने कहा कि हिम केयर योजना के तहत लोगों को इलाज नहीं मिल रहा, अस्पतालों में मरीज भटक रहे हैं और सरकार समय पर फंड जारी नहीं कर रही। आपदा प्रभावितों को भी राहत नहीं मिल पाई है।
जयराम ठाकुर ने कहा कि एक ओर कांग्रेस संविधान बचाओ यात्रा निकाल रही है, वहीं हिमाचल में नगर निगम और पंचायत चुनाव टालकर लोगों के संवैधानिक अधिकारों को छीन रही है। उन्होंने पूछा कि पेंशनर्स सड़कों पर क्यों हैं, उनका मेडिकल बिल और एरियर क्यों नहीं दिया जा रहा? क्या वे कोई गैरवाजिब मांग कर रहे हैं?
उन्होंने कहा कि आज प्रदेश की पूरी सरकार ‘मित्रों की सरकार’ बनकर रह गई है, जहां विकास ठप है और शासन ब्यूरोक्रेसी के भरोसे चल रहा है। सरकार झूठ की वैसाखियों पर टिकी है और जनता का भरोसा लगातार टूट रहा है।
पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि जनसेवा के लिए मंदिरों में जाकर कसमें खाने या झूठी गारंटियां देने की आवश्यकता नहीं होती। “हमने अपने कार्यकाल में गृहिणी सुविधा योजना, 125 यूनिट फ्री बिजली, महिलाओं के लिए बस किराए में छूट, ग्रामीण क्षेत्रों में मुफ्त पानी, हिम केयर, सहारा योजना, शगुन योजना, वृद्धा पेंशन, स्वावलंबन और बेटी है अनमोल जैसी योजनाएं दीं, लेकिन कभी गारंटी का ढोल नहीं पीटा।
जयराम ठाकुर ने जोड़ा कि भाजपा सरकार ने कोविड काल में भी किसी कर्मचारी का वेतन नहीं काटा, बल्कि नई भर्तियां कीं। “आज की सरकार ने उन्हीं कोरोना योद्धाओं को बेरोजगार कर दिया जिन्होंने लोगों की जान बचाने में योगदान दिया था। सरकार नीयत से चलती है, गारंटियों से नहीं — और इस सरकार की नीयत में ही खोट है।
