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पंजाबी सिंगर राजवीर का हिमाचल में नहीं हुआ था हादसा, अस्पताल ने इलाज के लिए किया इंकार, जांच में हुआ खुलासा

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न्यूज अपडेट्स 
चंडीगढ़, 13 अक्टूबर। पंजाब के सिंगर राजवीर जावंदा की सड़क हादसे में घायल होने के बाद इलाज के दौरान मौत हो गई. शुरुआत में यह सामने आया कि वह हिमाचल प्रदेश के सोलन जिले के बद्दी क्षेत्र में हादसे का शिकार हुए थे. हालांकि, अब तक जांच में बड़ा खुलासा हुआ है. सिंगर राजवीर जावंदा की बाइक का एक्सीडेंट हिमाचल प्रदेश के बद्दी नहीं, बल्कि, हरियाणा के पिंजौर में हुआ था. अहम बात है कि हादसे के बाद एक निजी अस्पताल ने उनके इलाज से इंकार कर दिया था और इस वजह से फिर उन्हें दूसरे निजी अस्पताल ले जाया गया।

दरअअशल, लॉयर्स फॉर ह्यूमन राइट्स इंटरनेशनल की जांच में यह तथ्य सामने आया है कि राजवीर सिंह जावंडा की बाइख पिंजौर के बाहरी क्षेत्र में हादसे का शिकार हुई थी. पिंजौर पुलिस स्टेशन से प्राप्त डीडीआर (डेली डायरी रिपोर्ट) से पता चला है कि शौरी हॉस्पिटल, पिंजौर ने राजवीर सिंह जावंडा को प्राथमिक चिकित्सा नहीं दी, जिसके कारण उन्हें सिविल हॉस्पिटल पंचकूला, फिर पारस हॉस्पिटल पंचकूला और उसके बाद फोर्टिस हॉस्पिटल मोहाली ले जाया गया, जहां इलाज के दौरान 11 दिन बाद उनकी मृत्यु हो गई।

संगठन के महासचिव एडवोकेट नवकीरन सिंह ने एक पत्रकार के साथ मिलकर पिंजौर में हादसे वाली जगह का दौरा किया और स्पॉट रिपोर्ट तैयार की. अब संगठन ने निर्णय लिया है कि राजवीर सिंह जावंडा के उपचार में संभावित चिकित्सकीय लापरवाही के मामले में माननीय हाई कोर्ट का दरवाज़ा खटखटाया जाएगा, क्योंकि यह लापरवाही उनकी मृत्यु का कारण बनी हो सकती है।

इसके साथ ही सड़कों पर आवारा पशुओं से होने वाले हादसों की समस्या, चिकित्सा सुविधाओं की उपलब्धता और डॉक्टरों के कर्तव्यों से जुड़े मुद्दों को भी उचित मंच पर उठाया जाएगा।

राजवीर जावंदा पंजाबी गायक और अभिनेता थे. 8 अक्टूबर 2025 को 35 साल की उम्र में उनका निधन हो गया था. 27 सितंबर को वह पिंजौर में बाइक हादसे का शिकार हुए थे. उन्होंने पंजाबी फिल्मों में अभिनय किया था और साथ ही कई गाने भी गाए थे. हादसे के दौरान शिमला जा रहे थे. घायल होने के बाद वह 11 दिन तक मोहाली में निजी अस्पताल में वेंटिलेटर पर रहे. लेकिन उन्हें बचाया नहीं जा सका. गौरतलब है कि हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट में भी इस संबंध में एक याचिका दाखिल की गई थी, जिसमें कहा गया था कि प्रदेश की सरकार लाखों रुपये गायों के नाम पर सैस ले रही है, लेकिन सड़कों पर आवारा पशु घूम रहे हैं और उनकी वजह से हादसे हो रहे हैं।

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