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सिरमौर, 27 अक्टूबर। हिमाचल प्रदेश के जिला सिरमौर में एक बार फिर एक अनोखी शादी चर्चा का विषय बनी हुई है। शिलाई विधानसभा क्षेत्र के नैनीधार के कलोग गांव में दो सगे भाइयों सुनील कुमार और विनोद कुमार ने बाबा साहेब डॉ. भीमराव आंबेडकर के विचारों से प्रेरित होकर संविधान को साक्षी मानकर विवाह किया। इस विवाह में न तो फेरे हुए, न कोई पंडित मौजूद था और न ही अग्नि को साक्षी मानकर सात वचन लिए गए।
रविवार, 26 अक्तूबर को सम्पन्न हुए इस विवाह में दोनों भाइयों ने अपनी जीवन संगिनियों रितु और रीना वर्मा के साथ संविधान की प्रति के समक्ष एक-दूसरे के साथ जीवनभर साथ निभाने की प्रतिज्ञा ली। इसके बाद दोनों ने अपने परिवारजनों और बड़ों का आशीर्वाद प्राप्त किया।
समाज सुधार की दिशा में पहल
दोनों भाई सरकारी नौकरी करते हैं और सामाजिक सुधार के लिए लगातार प्रयासरत रहते हैं। उनका कहना है कि विवाह दो दिलों का मेल है और इसके लिए किसी पारंपरिक रीति-रिवाज या कर्मकांड की आवश्यकता नहीं है। विवाह समारोह में स्थानीय परंपराओं का सम्मान रखते हुए बारात भी निकाली गई।
बाबा साहेब और संविधान को मिला स्थान
इस विवाह की विशेषता यह रही कि आमंत्रण पत्र (शादी कार्ड) पर एक ओर महात्मा बुद्ध और दूसरी ओर संविधान निर्माता बाबा साहेब डॉ. भीमराव आंबेडकर की तस्वीर छपी थी। विवाह के दौरान नवविवाहित जोड़ों ने संविधान को साक्षी मानकर अपने वैवाहिक जीवन की शपथ ली।
गांववासियों ने की सराहना
इस विवाह में बड़ी संख्या में ग्रामीणों ने भाग लिया और नवविवाहित जोड़ों को आशीर्वाद दिया। लोगों का कहना था कि यह विवाह युवाओं के लिए एक प्रेरणास्रोत है और समाज में समानता व जागरूकता का संदेश देता है।
पहले भी सिरमौर में हुई थी अनोखी शादी
उल्लेखनीय है कि इसी वर्ष जुलाई माह में सिरमौर जिले के शिलाई क्षेत्र में एक दुल्हन ने दो भाइयों से विवाह रचाया था। हाटी परंपरा के तहत प्रदीप नेगी और कपिल नेगी ने सुनीता चौहान से एक साथ विवाह किया था, जो पूरी सहमति और सामाजिक भागीदारी के साथ सम्पन्न हुआ था।
