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हिमाचल : शराब के नशे में स्कूल आता था टीचर, SDM ने किया निरीक्षण, तत्काल प्रभाव से किया निलंबित

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शिमला, 25 अक्टूबर। हिमाचल प्रदेश के रोहड़ू उपमंडल से शिक्षा विभाग की छवि को धूमिल करने वाली एक शर्मनाक घटना सामने आई है। प्राथमिक स्कूल खोड़सू में तैनात JBT हित्तू मच्छाण को शराब के नशे में स्कूल आने और बच्चों की पढ़ाई प्रभावित करने के आरोप में तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया गया है।

यह कार्रवाई SDM रोहड़ू की जांच रिपोर्ट और स्कूल प्रबंधन समिति की शिकायत के बाद की गई है। शिक्षक पिछले करीब एक महीने से हर दिन स्कूल में शराब पीकर आ रहा था। इससे न केवल स्कूल की पढ़ाई पूरी तरह से ठप हो गई थी, बल्कि बच्चों के अभिभावक भी बेहद नाराज थे। आखिरकार SMC प्रधान विनोद कुमार, महिला मंडल की सदस्याओं, वार्ड मेंबर और ग्रामीणों ने मिलकर शिक्षा विभाग और SDM रोहड़ू को एक लिखित शिकायत सौंपी, जिसके बाद विभाग हरकत में आया।

बीते कल SDM रोहड़ू ने अचानक स्कूल का निरीक्षण किया। इस दौरान JBT हित्तू मच्छाण शराब के नशे में धुत पाया गया। उसकी हालत देखक SDM ने तुरंत ही उसे सिविल अस्पताल रोहड़ू में मेडिकल परीक्षण के लिए भेजा।

मेडिकल रिपोर्ट में शराब के सेवन की पुष्टि होने के बाद, SDM ने मामले की रिपोर्ट शिक्षा विभाग के उच्च अधिकारियों को भेजते हुए अनुशासनात्मक कार्रवाई की सिफारिश की। इसके आधार पर, डिप्टी डायरेक्टर (प्राथमिक शिक्षा) शिमला ने शिक्षक को सेंटरल सिविल सर्विस (क्लासिफिकेशन, कंट्रोल एंड अपील) रूल्स, 1965 के तहत निलंबित करने का आदेश जारी किया। साथ ही, सस्पेंशन अवधि के दौरान उसका मुख्यालय ब्लॉक एलिमेंटरी एजुकेशन ऑफिस, कुपवी (शिमला) में निर्धारित किया गया है। आदेशों के अनुसार, हित्तू मच्छाण बिना संबंधित अधिकारी की अनुमति के स्टेशन नहीं छोड़ पाएगा।

ग्रामीणों का आरोप है कि शिक्षक की इस हरकत से स्कूल का माहौल पूरी तरह बिगड़ गया था। कई बार समझाने और चेतावनी देने के बावजूद वह सुधरने को तैयार नहीं था। कई अभिभावकों ने अपने बच्चों को दूसरे स्कूलों में शिफ्ट कर दिया। SMC सदस्यों ने कहा कि “हमारे गांव के बच्चे सरकारी स्कूल में इसलिए पढ़ते हैं ताकि उन्हें शिक्षा मिले, लेकिन यह शिक्षक तो रोज़ शराब के नशे में स्कूल आकर बच्चों का भविष्य बर्बाद कर रहा था।”

SDM रोहड़ू ने कहा कि शिक्षा व्यवस्था की मर्यादा से खिलवाड़ किसी भी सूरत में बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। उन्होंने बताया कि “शिक्षक समाज का आदर्श होता है, लेकिन जब वही शिक्षक अनुशासनहीनता दिखाए तो कार्रवाई अनिवार्य हो जाती है।

वहीं शिक्षा विभाग के अधिकारी ने पुष्टि की कि विभाग इस मामले में और भी आंतरिक जांच कर रहा है। यदि आरोप पुख्ता पाए जाते हैं, तो शिक्षक के खिलाफ सेवा से बर्खास्तगी तक की कार्यवाही की जा सकती है। स्थानीय लोगों ने सरकार से मांग की है कि ऐसे मामलों में त्वरित कार्रवाई की जाए, ताकि प्रदेश के अन्य शिक्षकों को भी यह संदेश मिले कि शिक्षा व्यवस्था में अनुशासन सर्वोपरि है।

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