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शिमला, 03 अक्टूबर। मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने सभी प्रशासनिक सचिवों को निर्देश दिए हैं कि वे लक्ष्य तय कर अपने-अपने विभागों की परियोजनाओं को समयबद्ध तरीके से पूरा करें ताकि जनता को इनका अधिक से अधिक लाभ मिल सके। उन्होंने सचिवों के साथ हाई लेवल मीटिंग की अध्यक्षता करते हुए कहा कि राज्य सरकार सुशासन सुनिश्चित करने के लिए पहले दिन से प्रतिबद्ध है।
मुख्यमंत्री ने निर्देश दिए कि अब से मुख्य सचिव सभी विभागों की परियोजनाओं की नियमित समीक्षा करेंगे। उन्होंने कहा कि प्रदेश और प्रदेशवासियों का हित सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता है और अधिकारी हिमाचल प्रदेश को आत्मनिर्भर बनाने के लिए तेजी से कार्य करें।
CM सुक्खू ने बताया कि स्वास्थ्य, शिक्षा, ग्रामीण अर्थव्यवस्था, पर्यटन, ऊर्जा, खाद्य प्रसंस्करण और डाटा स्टोरेज जैसे क्षेत्रों को प्राथमिकता दी जा रही है। उन्होंने कांगड़ा हवाई अड्डे के विस्तार और पर्यटन परियोजनाओं को गति देने पर बल दिया। स्वास्थ्य क्षेत्र में सुधारों की जानकारी देते हुए उन्होंने कहा कि सभी सात मेडिकल कॉलेजों को एम्स दिल्ली की तर्ज पर आधुनिक तकनीक से लैस किया जा रहा है।
उन्होंने ई-वाहनों के लिए आधारभूत ढांचा विकसित करने, एफआरए व एफसीए मामलों की स्वीकृति में तेजी लाने और सभी सेवाओं को डिजिटल बनाने पर भी जोर दिया। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश की 90 प्रतिशत आबादी गांवों में रहती है, इसलिए ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूत करना सरकार की प्राथमिकता है। इस दिशा में दूध के दामों में ऐतिहासिक वृद्धि की गई है और प्राकृतिक खेती से उपजाए गेहूं, मक्की, जौ व हल्दी पर न्यूनतम समर्थन मूल्य प्रदान किया गया है।
आपदा प्रबंधन पर बोलते हुए श्री सुक्खू ने कहा कि वर्ष 2023 की तरह ही इस साल भी मानसून के दौरान राज्य को भारी नुकसान झेलना पड़ा है, लेकिन सरकार सीमित संसाधनों के बावजूद प्रभावितों के साथ मजबूती से खड़ी है। उन्होंने राजस्व विभाग को आपदा से हुए नुकसान की विस्तृत रिपोर्ट जल्द तैयार करने के निर्देश दिए ताकि केंद्र सरकार को भेजी जा सके।