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शिमला/मंडी, 07 अक्टूबर। हिमाचल प्रदेश के मंडी जिले के एक पूर्व प्रधान ने सीबीआई के अधिकारी पर गंभीर आरोप लगाए हैं। पूर्व प्रधान का आरोप है कि अधिकारी ने न केवल उनसे जबरन बयान बदलवाने की कोशिश की, बल्कि उनका गला दबाने का प्रयास भी किया। इस संबंध में पूर्व प्रधान ने एसपी शिमला को लिखित शिकायत सौंपी है और अधिकारी के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग की है।
जानकारी के मुताबिक, बल्ह क्षेत्र की सिध्याणी पंचायत के पूर्व प्रधान गिरधारी लाल ने आरोप लगाया है कि शिमला स्थित सीबीआई के एक अधिकारी ने उनसे झूठी गवाही देने के लिए दबाव बनाया। उन्होंने कहा कि अधिकारी ने उन्हें धमकाया और शारीरिक रूप से प्रताड़ित किया। गिरधारी लाल के अनुसार, अधिकारी ने 18 सितंबर को उनके घर आकर पूछताछ की थी और उन्हें शिमला बुलाया था। 22 और 30 सितंबर को भी उन्हें सीबीआई कार्यालय में पूछताछ के लिए बुलाया गया, जहां उन पर बार-बार बयान बदलने का दबाव डाला गया।
गिरधारी लाल ने बताया कि सीबीआई अधिकारी चाहता था कि वे यह बयान दें कि पुलिस ने उन्हें जबरन मौके का गवाह बनाया था, जबकि सच्चाई यह है कि वे खुद घटनास्थल पर मौजूद थे जब पुलिस ने चिट्टा तस्करों को पकड़ा था। उन्होंने कहा कि अधिकारी ने उनका गला पकड़कर दबाने तक की कोशिश की। गिरधारी ने चेतावनी दी है कि अगर उन्हें न्याय नहीं मिला, तो वे आमरण अनशन करने को मजबूर होंगे।
क्या है मामला
मार्च 2024 में रिवालसर पुलिस चौकी की टीम ने सिध्याणी गांव के पास तीन लोगों को 287 ग्राम चिट्टे (हेरोइन) के साथ गिरफ्तार किया था। बाद में आरोपियों के परिजनों ने पुलिस पर मिलीभगत के आरोप लगाते हुए हाईकोर्ट से सीबीआई जांच की मांग की। कोर्ट के आदेश पर अब यह मामला सीबीआई जांच के अधीन है। गिरधारी लाल इस केस में पुलिस की कार्रवाई के दौरान मौके के गवाह हैं।
पुलिस जांच में जुटी
एसपी शिमला संजीव गांधी ने शिकायत की पुष्टि करते हुए बताया कि पुलिस ने मामले की जांच शुरू कर दी है। उन्होंने कहा कि सीबीआई पूछताछ सीसीटीवी निगरानी में होती है, और यह जांच की जा रही है कि पूछताछ के दौरान सीसीटीवी फुटेज रिकॉर्ड की गई थी या नहीं। फुटेज से ही यह स्पष्ट हो सकेगा कि वास्तव में गिरधारी लाल के साथ क्या हुआ। अभी तक इस मामले में एफआईआर दर्ज नहीं हुई है, लेकिन पुलिस शिकायत पर कार्रवाई कर रही है।
पूर्व प्रधान बोले – “गवाहों को डराने का प्रयास”
गिरधारी लाल ने कहा कि अगर जांच एजेंसी इस तरह गवाहों को टॉर्चर करती रही, तो भविष्य में कोई भी व्यक्ति पुलिस कार्रवाई में गवाही देने से पीछे हट जाएगा। उन्होंने न्याय की गुहार लगाई है और कहा कि उन्हें निष्पक्ष जांच की उम्मीद है।
