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शिमला, 07 अक्टूबर। हिमाचल प्रदेश उच्च न्यायालय ने ऊना दुष्कर्म मामले में आरोपी एसडीएम विश्व मोहन देव चौहान को अंतरिम अग्रिम जमानत प्रदान की है। साथ ही पुलिस जांच में सहयोग करने के आदेश भी दिए हैं। कोर्ट ने राज्य सरकार को 16 अक्तूबर तक इस मामले पर स्टेटस रिपोर्ट दाखिल करने का निर्देश दिया है।
मामले की सुनवाई के दौरान न्यायालय को बताया गया कि दोनों पक्ष — आरोपी एसडीएम और पीड़िता — आपस में विवाह करने के इच्छुक हैं। न्यायालय ने इस बात का संज्ञान लेते हुए कहा कि जांच में सहयोग सुनिश्चित किया जाए और अगली सुनवाई में सरकार जांच की स्थिति अदालत के समक्ष प्रस्तुत करे।
पीठ ने कहा कि गिरफ्तारी से पहले पर्याप्त समय न दिए जाने के कारण अंतरिम जमानत देने में कोई बाधा नहीं है। कोर्ट ने आरोपी को जांच में सहयोग करने का निर्देश देते हुए यह भी कहा कि उसे किसी भी तरह से साक्ष्यों के साथ छेड़छाड़ नहीं करनी होगी।
मामले में शिकायतकर्ता युवती ने आरोप लगाया था कि ऊना के एसडीएम विश्व मोहन देव चौहान ने उसे शादी का झांसा देकर दुष्कर्म किया। युवती के अनुसार, आरोपी ने पहले सोशल मीडिया पर बातचीत के माध्यम से संबंध बनाए, बाद में अपने सरकारी कार्यालय में बुलाकर उसके साथ दुष्कर्म किया।
पीड़िता ने आरोप लगाया कि 10 अगस्त को भी आरोपी ने उसे विश्राम गृह में बुलाया और दुबारा दुष्कर्म किया। उसने अदालत से गुहार लगाई थी कि आरोपी के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाए।
वहीं, अदालत को बताया गया कि दोनों अब विवाह करने के इच्छुक हैं और इस दिशा में बातचीत चल रही है। न्यायालय ने इस स्थिति को ध्यान में रखते हुए अंतरिम राहत जारी रखी है।
अब इस मामले की अगली सुनवाई 20 अक्तूबर 2025 को निर्धारित की गई है, जिसमें राज्य सरकार को जांच की अद्यतन स्थिति रिपोर्ट पेश करनी होगी।
