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बिलासपुर, 08 सितंबर। झंडूता विधानसभा क्षेत्र के तहत पनौल-जेजवीं मेजर डिस्ट्रिक्ट रोड पर बन रहा प्रदेश का सबसे बड़ा स्टील सस्पेंशन ब्रिज नंद-नगरांव अब अपने अंतिम चरण में पहुंच गया है। लगभग 57 करोड़ रुपये की लागत से तैयार हो रहा यह पुल जल्द ही आम जनता को समर्पित कर दिया जाएगा। पुल के दोनों छोर आपस में जुड़ चुके हैं और फिलहाल अप्रोच रोड का कार्य तेजी से चल रहा है।
रविवार को झंडूता के विधायक जीतराम कटवाल ने साई इटर्नल फाउंडेशन कंपनी के प्रबंध निदेशक राजकुमार वर्मा के साथ पुल स्थल का दौरा कर कार्य की प्रगति का जायजा लिया। उन्होंने अधिकारियों को निर्माण की गुणवत्ता सुनिश्चित करने और कार्य में तेजी लाने के निर्देश दिए।
कटवाल ने बताया कि झंडूता विधानसभा क्षेत्र में विकास की नई इबारत लिखी जा रही है। पिछले वर्ष क्षेत्र को देश के सबसे लंबे कैंटिलीवर स्पैन वाले बागछाल पुल का तोहफा मिला था, वहीं अब नंद-नगरांव पुल भी तकनीकी कौशल का अद्भुत उदाहरण बनने जा रहा है।
उन्होंने कहा कि इस पुल से कोटधार क्षेत्र की तस्वीर और तकदीर दोनों बदलेंगी। पुल बनने के बाद झंडूता से कोटधार की दूरी लगभग 20 किलोमीटर घट जाएगी, जबकि कांगड़ा व हमीरपुर से चंडीगढ़ की दूरी करीब 60 किलोमीटर कम हो जाएगी। कटवाल ने इस परियोजना का श्रेय केंद्र की मोदी सरकार और प्रदेश की पूर्व भाजपा सरकार को दिया, जिन्होंने "डबल इंजन सरकार" के सहयोग से इसके लिए बजट का प्रावधान किया।
सांस्कृतिक धरोहर से जुड़ा संदेश
दौरे के बाद कटवाल ने अपनी गृह पंचायत में आयोजित ऐतिहासिक देव बरनोट मेले के समापन समारोह में मुख्य अतिथि के रूप में भाग लिया। उन्होंने कहा कि मेले और त्यौहार हमारी सांस्कृतिक धरोहर और लोक जीवन की मूल्यों को जीवित रखते हैं। ये न सिर्फ भाईचारे और सहयोग की भावना को बढ़ाते हैं, बल्कि स्थानीय अर्थव्यवस्था को भी मजबूती प्रदान करते हैं।
मेले में आयोजित कबड्डी और चेयर रेस प्रतियोगिताओं की विजेता टीमों को उन्होंने सम्मानित किया और सफल आयोजन के लिए पंचायत प्रतिनिधियों व स्थानीय लोगों को बधाई दी।
शोक संतप्त परिवार से भेंट
दोपहर बाद कटवाल ने हाल ही में स्वर्गवासी हुए प्रदेश के पूर्व पुलिस महानिदेशक आई.डी. भंडारी के घर जाकर उनके परिजनों से मुलाकात की। उन्होंने शोकाकुल परिवार को ढांढस बंधाया और दिवंगत आत्मा की शांति के लिए प्रार्थना की।
