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बिलासपुर में तीन तलाक का चौंकाने वाला मामला, पति ने रजिस्टर्ड डाक से भेजा तलाकनामा

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न्यूज अपडेट्स 
बिलासपुर, 20 सितंबर। जिला बिलासपुर के भराड़ी थाना क्षेत्र से तीन तलाक का हैरान करने वाला मामला सामने आया है। यहां एक पति ने अपनी पत्नी को रजिस्टर्ड डाक के माध्यम से लिखित तलाक भेज दिया, जबकि वर्ष 2019 से तीन तलाक भारत में गैरकानूनी और दंडनीय अपराध घोषित किया जा चुका है।

पीड़िता ने इस संबंध में पुलिस से शिकायत की, जिसके आधार पर पति के खिलाफ मुस्लिम महिला (विवाह पर अधिकारों का संरक्षण) अधिनियम, 2019 के तहत मामला दर्ज किया गया है।

विवाह के बाद शुरू हुआ उत्पीड़न

शिकायतकर्ता महिला की शादी 23 सितंबर 2022 को कठुआ (जम्मू-कश्मीर) निवासी सादिक मोहम्मद से मुस्लिम रीति-रिवाजों के अनुसार हुई थी। शादी पति के पैतृक गांव डोडला में संपन्न हुई थी। दंपति की एक बेटी भी है।

महिला का आरोप है कि विवाह के तुरंत बाद ही पति ने उसे मानसिक और शारीरिक रूप से प्रताड़ित करना शुरू कर दिया। पिछले वर्ष उसने अदालत में मामला भी दायर किया था, लेकिन पति के दबाव में उसे वापस लेना पड़ा।

हत्या की धमकी और सुपारी का आरोप

महिला ने पुलिस को बताया कि उसका पति लगातार जान से मारने की धमकियां देता रहा है। यहां तक कि उसने पांच लाख रुपये की सुपारी देकर उसे और उसके माता-पिता को मरवाने की कोशिश की। इसी डर के चलते वह अपने मायके में रह रही थी।

रजिस्टर्ड डाक से भेजा तलाकनामा

हाल ही में महिला को पति की ओर से रजिस्टर्ड डाक से एक पत्र प्राप्त हुआ, जिसमें मुस्लिम शरीयत का हवाला देते हुए तीन तलाक लिखित रूप में दिया गया था। यह सीधे-सीधे 2019 के कानून का उल्लंघन है।

पुलिस ने दर्ज किया मामला

डीएसपी घुमारवीं विशाल वर्मा ने पुष्टि करते हुए बताया कि महिला की शिकायत पर पति के खिलाफ मुस्लिम महिला (विवाह पर अधिकारों का संरक्षण) अधिनियम, 2019 के तहत एफआईआर दर्ज की गई है। साथ ही शारीरिक व मानसिक शोषण से जुड़े आरोप भी शामिल किए गए हैं। पुलिस मामले की गहन जांच कर रही है।

कानून की अहमियत

गौरतलब है कि केंद्र सरकार ने 2019 में मुस्लिम महिलाओं के अधिकारों की रक्षा के लिए इस अधिनियम को लागू किया था। इसके तहत तत्काल तीन तलाक गैरकानूनी और दंडनीय अपराध है। कानून महिलाओं को गुजारा भत्ता और बच्चों की कस्टडी का अधिकार भी देता है।

यह मामला दर्शाता है कि कानून बनने के बावजूद समाज में महिलाओं को अब भी दुर्व्यवहार का सामना करना पड़ रहा है। पीड़िता को उम्मीद है कि पुलिस की त्वरित कार्रवाई से उसे न्याय मिलेगा।

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