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नई दिल्ली, 07 सितंबर। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार को राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू से उनके आवास पर मुलाकात की। यह मुलाकात ऐसे समय में हुई है जब प्रधानमंत्री मोदी की उम्र को लेकर राजनीतिक गलियारों में चर्चा शुरू हो गई है। आम तौर पर विदेश दौरे से लौटने के बाद प्रधानमंत्री राष्ट्रपति को जानकारी देते हैं।
राष्ट्रपति भवन ने सोशल मीडिया पर इस मुलाकात की एक तस्वीर साझा की। इस तस्वीर ने राजनीतिक कयासों को हवा दे दी है। इसकी वजह प्रधानमंत्री की आगामी जन्मतिथि है। पीएम मोदी अगले सप्ताह 75 वर्ष के हो जाएंगे।
कुछ ही दिन पहले आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत ने एक बयान दिया था। उन्होंने कहा था कि 75 साल की उम्र में रिटायर हो जाना चाहिए। हालांकि बाद में उन्होंने इस बयान को स्पष्ट किया था। उन्होंने कहा कि यह उनका निजी विचार नहीं था।
भाजपा के पास पार्टी कार्यकर्ताओं के लिए एक गाइडलाइन है। इसके तहत 75 साल की उम्र के नेता मंत्रिमंडल में जगह नहीं बना सकते। इस नियम का पालन पहले भी कई वरिष्ठ नेताओं के साथ किया जा चुका है। इसी वजह से इस मुलाकात को एक अलग नजरिए से देखा जा रहा है।
हालांकि आधिकारिक सूत्रों का कहना है कि यह मुलाकात रूटीन थी। प्रधानमंत्री मोदी हाल ही में शंघाई सहयोग संगठन सम्मेलन में शामिल होकर लौटे हैं। ऐसे अंतरराष्ट्रीय दौरों के बाद प्रधानमंत्री राष्ट्रपति को ब्रीफिंग देते हैं।
इसके अलावा पीएम मोदी ने फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों के साथ भी बातचीत की। इस फोन कॉल में यूक्रेन संघटन को लेकर चर्चा हुई। दोनों नेताओं ने द्विपक्षीय संबंधों की भी समीक्षा की। इन महत्वपूर्ण विकासों की जानकारी भी राष्ट्रपति को दी गई होगी।
राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि इस मुलाकात को केवल उम्र से जोड़क देखना सही नहीं है। प्रधानमंत्री मोदी का स्वास्थ्य अच्छा है और वह पूरी क्षमता से काम कर रहे हैं। अभी तक उन्होंने सेवानिवृत्ति का कोई संकेत नहीं दिया है।
सरकार के प्रवक्ता ने भी इस मुलाकात को एक सामान्य प्रक्रिया बताया है। उन्होंने कहा कि राष्ट्रपति देश के संवैधानिक प्रमुख हैं। प्रधानमंत्री का उनसे मिलना और राष्ट्रीय मामलों पर चर्चा करना एक नियमित कार्य है।
