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शिमला, 19 सितंबर। हिमाचल प्रदेश सरकार ने प्रदूषण कम करने और पुराने वाहनों को सड़कों से हटाने के लिए बड़ा कदम उठाया है। राज्य सरकार ने नई वाहन स्क्रैप नीति (Vehicle Scrap Policy) लागू कर दी है। इसके तहत वाहन मालिक अगर अपना पुराना वाहन अधिकृत स्क्रैपिंग सेंटर (Registered Vehicle Scrapping Facility – RVSF) में जमा करते हैं और उसी श्रेणी का नया वाहन खरीदते हैं, तो उन्हें नए वाहन पर मोटर व्हीकल टैक्स (रोड टैक्स/टोकन टैक्स) में 50 प्रतिशत तक की छूट मिलेगी। अतिरिक्त मुख्य सचिव आरडी नजीम की ओर से इस संबंध में अधिसूचना वीरवार को राजपत्र में जारी की गई।
निजी और व्यावसायिक दोनों वाहनों को लाभ
नई नीति के अनुसार, यह छूट निजी और व्यावसायिक दोनों वाहनों पर लागू होगी।
व्यावसायिक वाहन : टैक्स छूट पंजीकरण की तारीख से 8 साल तक मान्य रहेगी।
निजी वाहन: टैक्स छूट का लाभ 15 साल तक मिलेगा।
हालांकि, यह छूट केवल तभी मिलेगी जब वाहन मालिक पुराने वाहन के बदले उसी श्रेणी का नया वाहन खरीदेंगे और रजिस्ट्रेशन के समय सर्टिफिकेट ऑफ डिपॉजिट प्रस्तुत करेंगे।
किन वाहनों पर लागू होगी नीति?
अधिसूचना के अनुसार, यह छूट केवल
भारत स्टेज-I या उससे पहले के उत्सर्जन मानकों वाले वाहनो
भारत स्टेज-II मानकों वाले
मीडियम और हैवी गुड्स व पैसेंजर वाहनों पर लागू होगी।निजी वाहनों के लिए यह सुविधा सिर्फ पहली रजिस्ट्रेशन के समय मिलेगी।
प्रदेश में 22 लाख से ज्यादा पंजीकृत वाहन
परिवहन विभाग के आंकड़ों के अनुसार, हिमाचल प्रदेश में वर्तमान में 22,43,524 पंजीकृत वाहन हैं। इनमें से 19,25,593 निजी वाहन और 3,17,931 व्यावसायिक वाहन शामिल हैं। वहीं, राज्य में फिलहाल 2,811 इलेक्ट्रिक वाहन पंजीकृत हैं, जिनमें 2,412 निजी और 399 व्यावसायिक वाहन हैं।
प्रदूषण नियंत्रण व बिक्री को मिलेगा बढ़ावा
परिवहन विभाग का कहना है कि यह नीति न सिर्फ राज्य में प्रदूषण कम करने में सहायक होगी बल्कि इससे नई गाड़ियों की बिक्री को भी प्रोत्साहन मिलेगा। सरकार का यह कदम भविष्य में हिमाचल के परिवहन क्षेत्र को अधिक पर्यावरण अनुकूल और आधुनिक बनाने में अहम भूमिका निभा सकता है।
