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मंडी, 04 सितंबर। गोहर उपमंडल के स्यांज व ग्वाड़ पंचायत से चक्कर मिल्क प्लांट में दूध आपूर्ति कर रहे किसानों को करीब दो महिनों से अभी तक पैसों का भुगतान नहीं हुआ है, जिससे क्षेत्र के डेयरी उत्पादक बेहद परेशान हैं। स्थानीय डेयरियों द्वारा समय पर भुगतान न किए जाने के कारण किसानों की आर्थिक स्थिति डगमगा गई है।
ग्राम पंचायत गवाड़ के उपप्रधान धर्मेंद्र कुमार बताते हैं, “दो महीने से किसान दूध सप्लाई कर रहे हैं, लेकिन अब तक एक रुपया भी नहीं मिला। घर का खर्च चलाना मुश्किल हो गया है।” कुछ किसानों ने बताया कि उन्होंने पशु चारा उधार लेकर खरीदा था, लेकिन अब दुकानदार भी बकाया चुकाने का दबाव बना रहे हैं।
ग्वाड़ पंचायत के किसानों दिनेश कुमार, चतर सिंह, धर्मेंद्र, लालमन, ललित कुमार, हरि सिंह, पार्वती, मीरा देवी, किशन चंद, जीवा नन्द व डोले राम ने बताया कि दूध का पैसा समय पर न मिलने के कारण उन्हें भारी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। सभी किसानों ने सरकार से मांग की है कि बकाया राशि को जल्द से जल्द जारी कर किसानों तक पहुंचाया जाए।
किसानों का आरोप है कि डेयरी संचालक समय पर भुगतान का वादा करते हैं, लेकिन हर बार तारीख आगे बढ़ा दी जाती है। जब इस विषय में डेयरी प्रबंधक से बात की गई तो उनका कहना था, “उच्च स्तर से फंड नहीं आया है, जैसे ही पैसा प्राप्त होगा, किसानों को भुगतान कर दिया जाएगा।”
हालात यह हो गए हैं कि कुछ किसान अब दूध सप्लाई बंद करने पर विचार कर रहे हैं। यदि जल्द भुगतान नहीं हुआ तो स्थिति और भी बिगड़ सकती है। इस बारे में जब चक्कर मिल्क प्लांट के चेयरमैन बुद्धि सिंह से बात की गई तो उन्होंने भी माना कि दो माह से दूध की पेमेंट लंबित है। उन्होंने कहा कि इस विषय पर सरकार से बात हो चुकी है और आगामी दो दिनों के भीतर किसानों को यह राशि भेज दी जाएगी।
