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मंडी, 17 सितंबर। हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने स्पष्ट किया है कि अब राज्य में खड्डों, नालों और नदियों के 100 मीटर दायरे में कोई भी सरकारी भवन का निर्माण नहीं होगा। उन्होंने कहा कि यह फैसला लोगों की सुरक्षा और भविष्य में आपदा से होने वाले बड़े नुकसान को रोकने के लिए लिया गया है।
धर्मपुर बस अड्डे का उदाहरण
सीएम ने मंडी जिले के धर्मपुर बस अड्डे का हवाला देते हुए कहा कि यह बस स्टैंड नाले के किनारे गलत जगह पर बनाया गया, जिसके कारण हर बार बारिश में भारी नुकसान उठाना पड़ता है। हाल ही की आपदा में ही निगम को करीब 10 करोड़ रुपये का नुकसान बसों को झेलना पड़ा।
गलतियों से सीख लेकर आगे बढ़ेंगे
मुख्यमंत्री ने कहा कि अब गलतियों से सबक लेते हुए भविष्य में बेहतर योजना बनाकर निर्माण कार्य किए जाएंगे। उन्होंने यह भी कहा कि यदि कांग्रेस की ही सरकार में कोई विधायक अनशन पर बैठता है, तो यह गंभीर मामला है। विधायक चंद्रशेखर ने एनएच निर्माण कार्यों में खामियों को लेकर सड़कों की गुणवत्ता पर सवाल उठाए थे।
गडकरी ने भी स्वीकारी खामियां
सीएम ने केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी के उस बयान का भी जिक्र किया, जिसमें उन्होंने माना था कि सड़क निर्माण की डीपीआर गूगल मैप देखकर तैयार की गई हैं, जिसके चलते तकनीकी गलतियां हो रही हैं।
तीन साल में 20,000 करोड़ का नुकसान
मुख्यमंत्री ने बताया कि बीते तीन वर्षों में प्राकृतिक आपदाओं से हिमाचल प्रदेश को करीब 20,000 करोड़ रुपये का नुकसान झेलना पड़ा है। इस बार की भारी बारिश ने वर्ष 2023 की आपदा से भी ज्यादा तबाही मचाई है। इसमें कई लोगों की मौत हुई, जबकि सड़कें, जलापूर्ति, बिजली परियोजनाएं और निजी संपत्तियां बुरी तरह प्रभावित हुई हैं।
उपयुक्तों को दिए निर्देश
मुख्यमंत्री ने आपदा प्रभावित जिलों के उपायुक्तों से स्थिति रिपोर्ट ली और उन्हें त्वरित कदम उठाने के निर्देश दिए। उन्होंने असुरक्षित भवनों में रह रहे परिवारों को तुरंत सुरक्षित स्थानों पर शिफ्ट करने, जरूरी वस्तुओं की आपूर्ति सुनिश्चित करने और प्रभावित परिवारों को राहत पहुंचाने पर जोर दिया।
