न्यूज अपडेट्स
शिमला, 17 सितंबर। हिमाचल प्रदेश सरकार ने प्री-प्राइमरी स्कूलों में बच्चों की देखभाल और बुनियादी सुविधाओं को बेहतर बनाने के लिए लंबे समय से लंबित एक अहम फैसले को लागू करना शुरू कर दिया है। इसके तहत प्रदेशभर में आया के 6202 पदों पर भर्ती प्रक्रिया को तेज कर दिया गया है।
पहले यह जिम्मेदारी नाइलेट कंपनी को दी गई थी, लेकिन अब सरकार ने इसेहिमाचल प्रदेश राज्य इलेक्ट्रॉनिक्स कारपोरेशन को सौंप दिया है। निगम ने जिला स्तर पर निजी कंपनियों का चयन कर लिया है, जो स्थानीय स्तर पर योग्य महिलाओं की भर्ती कर स्कूलों में नियुक्ति सुनिश्चित करेंगी।
आया को मिलेगा ₹4,075 मानदेय
आया को पार्ट टाइम आधार पर नियुक्त किया जाएगा। उनका मुख्य कार्य नर्सरी और केजी कक्षाओं में छोटे बच्चों की देखभाल, साफ-सफाई और उनकी आवश्यक जरूरतों का ध्यान रखना होगा। इसके लिए न्यूनतम योग्यता 12वीं पास महिला अभ्यर्थी होना जरूरी है। चयनित आयाओं को प्रतिमाह ₹4,075 मानदेय मिलेगा।
सरकार का कहना है कि इस पहल से न केवल स्थानीय महिलाओं को रोजगार मिलेगा बल्कि बच्चों की सुरक्षा, सुविधा और परवरिश के स्तर में भी सुधार होगा। साथ ही नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के तहत प्रारंभिक शिक्षा पर दिया जा रहा जोर और मजबूत होगा।
प्रशिक्षकों की भर्ती भी अंतिम चरण में
आया के साथ-साथ प्रदेश में प्री-प्राइमरी स्कूलों के लिए 6200 प्रशिक्षकों की भर्ती प्रक्रिया भी लगभग पूरी हो चुकी है। विभाग ने सभी आवेदकों की सूची अपनी वेबसाइट पर अपलोड कर दी है। जिला स्तर पर साक्षात्कार संपन्न हो चुके हैं और इस सप्ताह के अंत तक चयनित उम्मीदवारों की सूची जारी कर दी जाएगी। इसके बाद सरकार से मंजूरी मिलने पर नियुक्तियां औपचारिक रूप से कर दी जाएंगी।
