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शिमला, 20 सितंबर। हिमाचल प्रदेश की राजधानी शिमला पुलिस एक बार फिर विवादों में घिर गई है। इस बार मामला पुलिस महकमे के भीतर सामने आया है, जिसमें एक जवान ने महिला अधिकारी और उनके ड्राइवर पर गंभीर आरोप लगाए हैं।
जानकारी के अनुसार, मामला 17 सितंबर की रात का है। पुलिस कॉन्स्टेबल ने घरेलू विवाद के कारण न्यू शिमला थाना पहुंचकर शिकायत दर्ज कराने की कोशिश की, लेकिन उसे थाने में करीब दो घंटे तक बिना कार्रवाई के रखा गया। जब कॉन्स्टेबल ने शिकायत दर्ज न होने पर सवाल उठाया, तो महिला अधिकारी के ड्राइवर, जो होम गार्ड का जवान है, ने कॉन्स्टेबल को कॉलर पकड़कर थाने की निचली मंजिल में ले जाया। इसके बाद महिला अधिकारी और ड्राइवर ने कॉन्स्टेबल पर मारपीट की और घायल अवस्था में उसे थाने से बाहर धक्का देकर फेंक दिया।
घायल कॉन्स्टेबल, जो पुलिस लाइन कैथू में तैनात है, किसी तरह लहूलुहान होकर वापस पुलिस लाइन पहुंचा और मदद के लिए नाइट मुंशी के पास गया, लेकिन कोई सहयोग नहीं मिला। इसके बाद उसने खुद अस्पताल पहुंचकर इलाज करवाया। मारपीट में उसके दाहिने कान, बाएं बाजू और शरीर के अन्य हिस्सों पर गंभीर चोटें आई हैं।
अगले दिन, 18 सितंबर को कॉन्स्टेबल बालूगंज थाना गया, लेकिन उसे बताया गया कि घटना न्यू शिमला थाना क्षेत्र की है। इसके बाद उसने न्यू शिमला थाना में लिखित शिकायत दर्ज करवाई। शिकायत के आधार पर शिमला के DDU अस्पताल में उसका मेडिकल परीक्षण भी करवाया गया, जिसमें चोटों की पुष्टि हुई।
ASP शिमला, नवदीप सिंह ने मामले की पुष्टि करते हुए कहा कि जांच जारी है और मेडिकल रिपोर्ट का इंतजार है। उन्होंने आश्वासन दिया कि मामले में निष्पक्ष कार्रवाई की जाएगी और सभी तथ्यों को सामने लाया जाएगा।
इस घटना के बाद पुलिस महकमे में हड़कंप मचा हुआ है। जवानों का मनोबल प्रभावित होने के साथ-साथ शिमला पुलिस की छवि पर भी सवाल उठ रहे हैं। अब सबकी निगाहें इस जांच पर टिकी हैं कि पुलिस प्रशासन अपने ही जवान को न्याय दिलाने में कितनी गंभीरता दिखाता है।
