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शिमला, 8 सितंबर। हिमाचल प्रदेश ने शिक्षा के क्षेत्र में अभूतपूर्व उपलब्धि हासिल करते हुए खुद को पूर्ण साक्षर राज्यों की श्रेणी में शामिल कर लिया है। मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने रविवार को शिमला में आयोजित पूर्ण साक्षर हिमाचल समारोह एवं उल्लास मेला-2025’ में यह घोषणा की। यह आयोजन निदेशालय स्कूल शिक्षा की ओर से किया गया।
मुख्यमंत्री ने प्रदेशवासियों को बधाई देते हुए कहा कि हिमाचल ने निर्धारित समय सीमा से पहले यह लक्ष्य प्राप्त किया है। उन्होंने बताया कि प्रदेश की साक्षरता दर 99.30 प्रतिशत पहुंच चुकी है, जो राष्ट्रीय औसत 95 प्रतिशत से कहीं अधिक है। उन्होंने कहा कि शिक्षा की गुणवत्ता बनाए रखने के लिए समय-समय पर आधुनिक बदलाव जरूरी हैं और सरकार इस दिशा में लगातार प्रयास कर रही है।
सीएम सुक्खू ने कहा कि विद्यार्थी-अध्यापक अनुपात के मामले में हिमाचल पूरे देश में अग्रणी है। उन्होंने भरोसा दिलाया कि आने वाले वर्षों में सरकारी शिक्षण संस्थानों को श्रेष्ठ और विश्वस्तरीय शिक्षा केंद्रों के रूप में विकसित किया जाएगा। इस अवसर पर पूर्ण साक्षर राज्य बनाने में योगदान देने वाले अधिकारियों, स्वयंसेवकों और नव साक्षरों को सम्मानित भी किया गया।
शिक्षा मंत्री रोहित ठाकुर ने कहा कि आज का दिन हिमाचल के इतिहास में स्वर्णिम अध्याय के रूप में दर्ज होगा। आजादी के बाद हिमाचल शिक्षा के क्षेत्र में अंतिम पायदान पर था, लेकिन मात्र 7 प्रतिशत साक्षरता दर से शुरू हुआ सफर अब पूर्ण साक्षरता तक पहुंच गया है। उन्होंने बताया कि प्रदेश में विद्यार्थियों की ड्रॉपआउट दर लगभग शून्य हो चुकी है।
केन्द्रीय सचिव शिक्षा संजय कुमार ने वीडियो संदेश के माध्यम से हिमाचल को बधाई दी और नव साक्षरों को कौशल आधारित शिक्षा प्रदान करने पर बल दिया। शिक्षा सचिव राकेश कंवर ने कहा कि हिमाचल ने विभिन्न मापदंडों पर खरा उतरते हुए यह उपलब्धि हासिल की है और भविष्य में भी शिक्षा की गुणवत्ता को और सशक्त बनाया जाएगा।
निदेशक स्कूल शिक्षा आशीष कोहली ने उल्लास मेला की जानकारी साझा करते हुए कहा कि ‘जन-जन साक्षर’ के ध्येय के तहत कई महत्वाकांक्षी योजनाएं सफलतापूर्वक लागू की गईं। कार्यक्रम के दौरान स्वयंसेवी अध्यापकों और नव साक्षरों ने अपने अनुभव भी साझा किए।
