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हिमाचल: केंद्र से प्राप्त नहीं हुई कोई आर्थिक सहायता, राहत पैकेज के लिए केन्द्र पर दबाव बनाएं भाजपा सांसद: CM सुक्खू

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कुल्लू, 5 सितम्बर। मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने आज कुल्लू और मनाली के आपदा प्रभावित क्षेत्रों का दौरा कर हालात का जायजा लिया। उन्होंने प्रभावित परिवारों से मुलाकात कर उन्हें राज्य सरकार की ओर से हरसंभव सहायता का आश्वासन दिया और कहा कि सरकार सीमित संसाधनों के बावजूद लोगों के साथ मजबूती से खड़ी है।

मुख्यमंत्री सुबह शिमला के जुब्बड़हट्टी से वायुसेना के हेलीकॉप्टर द्वारा राहत सामग्री के साथ कुल्लू पहुंचे। उन्होंने मनाली के वशिष्ठ चौक, बाहंग, ओल्ड मनाली और अखाड़ा बाजार सहित कई प्रभावित स्थलों का निरीक्षण किया। इस दौरान उन्होंने क्षतिग्रस्त सड़कों, पुलों, निजी सम्पत्तियों और भूस्खलन से हुए नुकसान का आकलन किया। उन्होंने मृतकों के परिवारों के प्रति संवेदना व्यक्त करते हुए दिवंगत आत्माओं की शांति की प्रार्थना की तथा प्रशासन को राहत एवं बचाव कार्य तेज करने के निर्देश दिए।

मुख्यमंत्री ने क्षतिग्रस्त भुंतर पुल और भूतनाथ पुल का भी निरीक्षण किया और बीआरओ अधिकारियों को सड़कों को शीघ्र बहाल करने के निर्देश दिए।

पत्रकारों से बातचीत में श्री सुक्खू ने कहा कि इस वर्ष मानसून के दौरान प्रदेशभर में भारी तबाही हुई है। पिछले चार दिनों में भी वर्षा से और अधिक नुकसान हुआ है। उन्होंने बताया कि चम्बा में मणिमहेश यात्रा के दौरान फंसे श्रद्धालुओं को सुरक्षित निकालने के लिए सेना के चिनूक और एमआई-17 हेलीकॉप्टर लगाए गए, जबकि श्रद्धालुओं को बिना किसी शुल्क एचआरटीसी की बसों से उनके गंतव्य तक भेजा गया। इसी के मद्देनज़र प्रदेश सरकार ने सभी प्रकार की परीक्षाओं को स्थगित करने का निर्णय लिया है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि आपदा प्रभावित परिवारों के पूरी तरह क्षतिग्रस्त घरों के लिए सरकार 7.70 लाख रुपये की सहायता दे रही है, वहीं पशुधन की हानि पर भी मुआवजा दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि किसानों और बागवानों के उत्पादों को मण्डियों तक पहुंचाने के लिए हरसंभव प्रयास किए जा रहे हैं ताकि उन्हें आर्थिक नुकसान न हो।

सीएम सुक्खू ने स्पष्ट किया कि अब तक केंद्र सरकार से किसी भी प्रकार की सहायता प्राप्त नहीं हुई है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने केंद्र से अनुरोध किया है कि आपदा प्रभावित परिवारों को पुनर्वास के लिए एक बीघा जमीन वन भूमि में प्रदान करने की अनुमति दी जाए। प्रदेश में 68 प्रतिशत भूमि वन क्षेत्र में है और केंद्र सरकार की स्वीकृति के बिना राज्य यह जमीन नहीं दे सकता।

मुख्यमंत्री ने भाजपा नेताओं और सांसदों से आग्रह किया कि वे विशेष राहत पैकेज और वन भूमि पर पुनर्वास की अनुमति दिलवाने के लिए केंद्र सरकार पर दबाव बनाएं। उन्होंने कहा कि भाजपा नेता केवल सोशल मीडिया तक सीमित हैं, जबकि कांग्रेस नेता जमीनी स्तर पर लोगों की मदद में जुटे हुए हैं।

श्री सुक्खू ने बताया कि आपदा प्रबंधन को सुदृढ़ बनाने के लिए प्रदेश सरकार ने विश्व बैंक से 3000 करोड़ रुपये की सहायता प्राप्त करने हेतु एक परियोजना भी तैयार की है।इससे पूर्व मुख्यमंत्री ने मंडी और कुल्लू जिलों के आपदा प्रभावित क्षेत्रों का हवाई सर्वेक्षण किया।

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