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शिमला, 22 सितंबर। मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंद्र सिंह सुक्खू के नेतृत्व में हिमाचल प्रदेश सरकार स्वास्थ्य क्षेत्र को सर्वोच्च प्राथमिकता देते हुए बड़े सुधारों की दिशा में आगे बढ़ रही है। सरकार का लक्ष्य है कि प्रदेशवासियों को घर-द्वार के निकट ही आधुनिक और उत्कृष्ट चिकित्सा सेवाएं उपलब्ध करवाई जाएं।
इसी कड़ी में शिमला स्थित अटल इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल सुपर स्पेशियलिटी चमियाणा और डॉ. राजेंद्र प्रसाद राजकीय चिकित्सा महाविद्यालय, टांडा में रोबोटिक सर्जरी की सुविधा शुरू कर दी गई है। यह अत्याधुनिक सुविधा चरणबद्ध तरीके से हमीरपुर, चंबा, नेरचौक और नाहन मेडिकल कॉलेजों में भी उपलब्ध करवाई जाएगी। साथ ही जोनल, रीजनल और सिविल अस्पतालों को आधुनिक तकनीकी सुविधाओं से सुसज्जित किया जा रहा है।
प्रदेश सरकार के प्रवक्ता ने बताया कि स्वास्थ्य सेवाओं को सुदृढ़ बनाने के लिए अस्पतालों में आवश्यकतानुसार आधुनिक उपकरण, विशेषज्ञ डॉक्टर, नर्सें और पैरामेडिकल स्टाफ की भर्ती की जा रही है। इसके बाद मरीजों को विशेष उपचार के लिए प्रदेश से बाहर नहीं जाना पड़ेगा।
हाल ही में सरकार ने 3020 मेडिकल अधिकारियों के संयुक्त कैडर का पुनर्गठन किया है। इसमें 2337 पद मेडिकल अधिकारी (जनरल) और 683 पद मेडिकल अधिकारी (स्पेशलिस्ट) के होंगे। जनरल मेडिकल अधिकारी ओपीडी/आईपीडी व पैलेटिव सेवाएं देंगे, जबकि स्पेशलिस्ट डॉक्टर विशेष क्लीनिकल सेवाएं प्रदान करेंगे।
स्वास्थ्य विभाग में कर्मचारियों की कमी को पूरा करने के लिए सरकार ने 200 मेडिकल अधिकारी, 38 सहायक प्रोफेसर और 400 स्टाफ नर्सों को जॉब ट्रेनी के रूप में नियुक्त करने की मंजूरी दी है। इससे मेडिकल कॉलेजों और अस्पतालों की क्षमता में वृद्धि होगी और लोगों को बेहतर सुविधाएं मिलेंगी।
प्रवक्ता ने कहा कि राज्य सरकार स्वास्थ्य ढांचे को सुदृढ़ करने और किफायती दरों पर उत्कृष्ट चिकित्सा सेवाएं उपलब्ध कराने के लिए प्रतिबद्ध है। इन कदमों से प्रदेशवासियों को अत्याधुनिक इलाज राज्य में ही सुनिश्चित होगा और उन्हें बाहर जाने की आवश्यकता नहीं रहेगी।