Click Here to Share Press Release Through WhatsApp No. 82196-06517 Or Email - pressreleasenun@gmail.com

हिमाचल: एनएच-707 निर्माण में अनियमितताओं का आरोप, अनिरुद्ध सिंह ने एनएचएआई को घेरा

News Updates Network
By -
0
न्यूज अपडेट्स 
शिमला, 22 सितंबर। हिमाचल प्रदेश के मंत्री अनिरुद्ध सिंह ने नेशनल हाईवे अथॉरिटी ऑफ इंडिया (एनएचएआई) पर गंभीर आरोप लगाए हैं। उन्होंने सिरमौर जिले में एनएच-707 के निर्माण कार्य में बड़े पैमाने पर अनियमितताओं का खुलासा किया और दोषियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की। यह जानकारी उन्होंने सोमवार को शिमला में आयोजित प्रेस वार्ता में दी।

मंत्री ने कहा कि एनएचएआई आम लोगों की आवाज को दबाने का काम कर रही है। उनके अनुसार एनएच-707 के निर्माण से स्थानीय निवासियों को भारी नुकसान हुआ है। मंत्री ने आरोप लगाया कि परियोजना में जरूरी अनुमतियों (approvals) के बिना काम किया गया, जबकि गलत तरीके से ब्लास्टिंग और मलबा डंपिंग के कारण मानसून में व्यापक विनाश हुआ।

नियमों के उल्लंघन के आरोप

अनिरुद्ध सिंह ने एफसीए नियमों का उल्लंघन होने का आरोप लगाया। कई स्थानों पर बिना अनुमति कटिंग का कार्य शुरू किया गया, जिसके बिल बनाए गए और भुगतान भी किया गया। उन्होंने कहा कि इस पूरे मामले में निर्माण कंपनियों और अधिकारियों की मिलीभगत सामने आई है। राज्य सरकार ने इस घटना की जांच का संकल्प लिया है और किसी भी दोषी को बख्शे जाने की संभावना नहीं है।

मंत्री ने कहा कि हजारों शिकायतें पहले ही केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी को भेजी जा चुकी हैं और अब यह मामला दोबारा उनके समक्ष रखा जाएगा।

राज्य में समान शिकायतें

अनिरुद्ध सिंह ने बताया कि यह समस्या सिरमौर तक सीमित नहीं है। उन्होंने कांगड़ा के शाहपुर और कुल्लू-मनाली क्षेत्र में भी ऐसी शिकायतों का उल्लेख किया। सिरमौर जिले में एनएचएआई के कार्यों के खिलाफ कई एफआईआर दर्ज हो चुकी हैं, लेकिन अब तक कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई।

प्रेस वार्ता में सिरमौर जिले के प्रभावित नागरिक नाथू राम चौहान भी मौजूद थे। उन्होंने बताया कि गलत निर्माण प्रक्रियाओं के कारण उनके और कई अन्य लोगों के घरों व संपत्ति को नुकसान पहुंचा।

मंत्री और एनएचएआई के बीच पिछला विवाद

यह पहली बार नहीं है जब मंत्री अनिरुद्ध सिंह एनएचएआई के खिलाफ आवाज उठा रहे हैं। पिछले महीने शिमला के संजौली इलाके में पांच मंजिला इमारत गिरने की घटना के बाद भी उनके और एनएचएआई के अधिकारियों के बीच विवाद हुआ था। उस मामले में पुलिस ने मामला दर्ज किया था।

मंत्री के आरोपों ने हिमाचल प्रदेश में सड़क परियोजनाओं की निगरानी और सरकारी एजेंसियों के बीच तालमेल पर सवाल खड़े कर दिए हैं। स्थानीय निवासियों ने न्याय और उचित मुआवजे की मांग की है, और राज्यवासियों की नजरें इस मामले के अगले कदम पर बनी हुई हैं।

Post a Comment

0 Comments

Post a Comment (0)

#buttons=(Ok, Go it!) #days=(20)

Our website uses cookies to enhance your experience. Check Now
Ok, Go it!