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सोलन, 24 सितंबर। शहर में गहराए सदी के सबसे बड़े पेयजल संकट को लेकर मंगलवार को भाजपा ने पुराने उपायुक्त कार्यालय परिसर के बाहर जोरदार प्रदर्शन किया। इस दौरान कार्यकर्ताओं ने मटके फोड़कर सरकार, नगर निगम और जल शक्ति विभाग के खिलाफ नारेबाजी की। भाजपा का कहना है कि पिछले पांच महीनों से शहर में जल संकट लगातार गहराता जा रहा है और हालात इतने बिगड़ चुके हैं कि लोगों को 8 से 10 दिनों बाद ही पानी मिल रहा है।
भाजपा ने इस मुद्दे पर हस्ताक्षर अभियान भी चलाया था, जिसमें करीब 5 हजार लोगों ने भाग लिया। प्रदर्शन के बाद पार्टी नेताओं ने डीसी के माध्यम से राज्यपाल को ज्ञापन सौंपकर संकट का शीघ्र समाधान निकालने की मांग की।
स्वास्थ्य मंत्री पर विफलता का आरोप
भाजपा शहरी अध्यक्ष शैलेन्द्र गुप्ता ने कहा कि स्वास्थ्य मंत्री कर्नल धनीराम शांडिल शहर के पेयजल संकट को दूर करने में पूरी तरह विफल रहे हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि मंत्री की अध्यक्षता में हुई बैठकें केवल औपचारिकता भर रह गईं।
डिप्टी मेयर का पक्ष
नगर निगम की डिप्टी मेयर मीरा आनंद ने कहा कि वह जनता के हितों के लिए धरने पर बैठी हैं और जल संकट को लेकर लगातार निगम व जल शक्ति विभाग से समाधान की मांग कर रही हैं। उन्होंने स्पष्ट किया कि हालात सामान्य होने तक वह संघर्ष जारी रखेंगी।
आयुक्त ने डिप्टी मेयर को ठहराया जिम्मेदार
वहीं, नगर निगम आयुक्त एकता काप्टा ने जल संकट के लिए डिप्टी मेयर मीरा आनंद पर ही निशाना साधा। उन्होंने आरोप लगाया कि डिप्टी मेयर अपने वार्ड में अधिकारियों के निर्देशों को दरकिनार कर मनमर्जी से पानी की सप्लाई कर रही हैं, जिसके चलते पूरा सिस्टम प्रभावित हुआ है। आयुक्त ने बताया कि कपूर लॉज लाइन से लगातार 30 से 40 घंटे पानी छोड़ा जा रहा है, जबकि इस क्षेत्र में कभी पानी के टैंकर नहीं लगे। यहां कई होटल और बिल्डरों के फ्लैट हैं, जहां अतिरिक्त पानी की खपत हो रही है।
शहर की असल जरूरत और आपूर्ति
शहर को प्रतिदिन 90 लाख लीटर पानी की आवश्यकता है, जबकि कागजों में औसतन 70 लाख लीटर से अधिक पानी की आपूर्ति दिख रही है। सवाल उठ रहा है कि बाकी पानी आखिर जा कहां रहा है। भाजपा का कहना है कि सरकार और विभाग की उदासीनता के कारण शहरवासी बूंद-बूंद को तरस रहे हैं।