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हमीरपुर, 25 सितंबर। हिमाचल प्रदेश के हमीरपुर जिले में एक आवारा कुत्ते के कारण हंसता-खेलता परिवार उजड़ गया है। कुत्ते के हमले से एक युवक की मौत हो गई है। ग्राम पंचायत नेरी में पेश आई इस दिल दिल दहला देने वाली घटना ने पूरे इलाके को झकझोर कर रख दिया है।
मां के लिए दी बेटे ने जान
31 वर्षीय सुमित कुमार ने अपनी मां को लावारिस कुत्ते के हमले से बचाया, लेकिन खुद उसकी जान चली गई। सुमित की मौत के बाद परिजनों पर दुखों का पहाड़ टूट पड़ है। सुमित के दो छोटे-छोटे बच्चे हैं- जिन्हें ठीक से समझ भी नहीं है कि उनके सिर से हमेशा के लिए पिता का साया उठ चुका है।
घर में काम कर रह थी मां
आपको बता दें कि बीते सोमवार को मेडिकल कॉलेज हमीरपुर में उपचार के दौरान सुमित ने दम तोड़ दिया। करीब 15 दिन पहले रात के समय सुमित की मां आशा देवी घर के आंगन में थीं। अचानक एक लावारिस कुत्ते ने उन पर हमला कर दिया।
लावारिस कुत्ते ने किया हमला
मां को बचाने के लिए सुमित तुरंत आगे आया। पहले तो कुत्ता उसकी मां को छोड़ गया, लेकिन उसके बाद उसने सीधे सुमित पर हमला बोल दिया। कुत्ते ने उसके सिर और आंखों को बुरी तरह नोंच डाला। इस हमले में सुमित गंभीर रूप से घायल हो गया, जबकि उसकी मां भी गहरे जख्मी हुईं।
बार-बार बिगड़ती रही तबीयत
हमले के बाद परिजन तुरंत सुमित को डॉ. राधाकृष्णन मेडिकल कॉलेज हमीरपुर ले गए। वहीं उसकी मां का भी उपचार शुरू किया गया। प्रारंभिक इलाज के बाद कुछ दिन तक स्थिति संभली रही, लेकिन तीन दिन पहले सुमित की तबीयत अचानक फिर बिगड़ गई।
परिवार पर टूटा दुखों का पहाड़
रविवार को परिवारजन उसे दोबारा मेडिकल कॉलेज लेकर पहुंचे। लगातार इलाज के बावजूद सोमवार को उसने अंतिम सांस ली। मंगलवार को शव का अंतिम संस्कार कर दिया गया।सुमित की मौत से परिवार पर दुखों का पहाड़ टूट पड़ा है।
मासूम बच्चों ने खोया पिता
सुमित के घर में बुजुर्ग माता-पिता के अलावा उसकी पत्नी, दो महीने का बेटा और ढाई साल की बेटी भी है। छोटे-छोटे बच्चों के सिर से पिता का साया उठने से पूरा परिवार गहरे सदमे में है। सुमित की मौत ने परिवार को झकझोर कर रख दिया है।
जांच की उठी मांग
ग्राम पंचायत नेरी के प्रधान विपिन कुमार ने बताया कि मौत के सही कारण का खुलासा पोस्टमार्टम रिपोर्ट आने के बाद ही होगा। यदि यह साबित होता है कि सुमित की मौत कुत्ते के काटने से हुई है, तो यह भी जांचना जरूरी है कि कहीं वह लावारिस कुत्ता रेबीज से ग्रस्त तो नहीं था। वहीं, ग्रामीणों ने प्रशासन से लावारिस कुत्तों की बढ़ती समस्या पर ठोस कदम उठाने की मांग की है।
गहरे सदमे में माता-पिता
सुमित के पिता सुभाष चंद ने बताया कि घटना के दिन पत्नी को बचाने के लिए बेटे ने अपनी जान दांव पर लगा दी। पत्नी अब धीरे-धीरे स्वस्थ हो रही हैं, लेकिन बेटे को खोने का दुख असहनीय है। बेटे की मौत के बाद माता-पिता गहरे सदमे में हैं।