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बिजनेस डेस्क। जीएसटी काउंसिल की बुधवार को शुरू हुई बैठक में अगली पीढ़ी के जीएसटी सुधारों को लेकर कई बड़े फैसले किए गए. वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने इनके बारे में बताते हुए साफ किया कि अब सिर्फ दो जीएसटी स्लैब 5% और 18% के रहेंगे, जबकि हानिकारक और सुपर लग्जरी आइटम्स के लिए एक स्पेशल 40% का स्लैब होगा. देश में तमाम टैक्सों को खत्म करते हुए 2017 में GST लागू किया गया था और जीएसटी कलेक्शन के जरिए सरकार की कमाई में साल-दर-साल तगड़ा इजाफा देखने को मिला है. बीते 8 साल में कमाई का आंकड़ा तीन गुना हो गया है. हालांकि, अब GST 2.0 के तहत इसमें किए बदलाव से कलेक्शन पर भी असर देखने को मिल सकता है।
2017 में शुरुआत, अब बड़ा बदलाव
देश की आजादी के बाद सबसे बड़े टैक्स सुधार के रूप में 1 जुलाई 2017 को जीएसटी (गुड्स एंड सर्विस टैक्स) को लागू किया गया था. सरकार पुरानी अप्रत्यक्ष कर व्यवस्था की जगह वस्तु एवं सेवा कर को लेकर आई और इसके बाद पहले लगने वाले अलग-अलग तरह के तमाम टैक्स खत्म कर दिए गए. इसे संचालित करने के लिए जीएसटी परिषद का गठन किया गया, जिसमें केंद्रीय वित्त मंत्री, राज्य मंत्री (रेवेन्यू) और राज्यों के वित्त मंत्रियों को जगह दी गई. शुरुआत से ही जीएसटी को चार भागों में डिवाइड किया गया।
पहला: सीजीएसटी (केंद्रीय माल और सेवा कर)
दूसरा: एसजीएसटी (राज्य माल और सेवा कर)
तीसरा: आईजीएसटी (एकीकृत माल और सेवा कर)
चौथा: यूटीजीएसटी (केंद्र शासित प्रदेश माल और सेवा कर)
जीएसटी को अलग-अलग कैटेगरी के सामानों के हिसाब से चार स्लैब में भी बांटा गया, जो 5%, 12%, 18% और 28% तय किए गए थे. अब जीएसटी आठवें साल में पहुंच गया है और इसके साथ ही इसमें नए सुधार करते हुए सरकार ने इसे सिर्फ दो टैक्स स्लैब तक सीमित कर दिया है, जो 5% और 18% के होंगे।
हर साल बढ़ती गई सरकार की कमाई
जीएसटी से सरकार की कमाई के बारे में बात करें, तो 1 जुलाई 2017 को लागू होने के बाद से हर साल इसमें जोरदार इजाफा हुआ है. इस साल 2025 में तो जीएसटी कलेक्शन ने सारे रिकॉर्ड तोड़े. शुरुआती साल में इसके जरिए सरकारी खजाने में 7.41 लाख करोड़ रुपये (जुलाई से मार्च तक) आए थे. तो वहीं अगले साल 2018–19 में जीएसटी से कमाई का आंकड़ा 11.77 लाख करोड़ रुपये पहुंच गया. वहीं इसकी शुरुआत से अब तक कलेक्शन में तीन गुना से ज्यादा का इजाफा दर्ज किया गया है और 2021-22 से लेकर 2024-25 तक सिर्फ पांच साल में ही जीएसटी से सरकार की कमाई दोगुनी हो चुकी है और ये 11.37 लाख करोड़ रुपये से बढ़कर 22.08 लाख करोड़ रुपये हो गई है।
रोजमर्रा के सामानों से कार-बाइक तक होंगी सस्ती
बुधवार 3 सितंबर को नई दिल्ली में हुई जीएसटी काउंसिल की 56वीं बैठक में नए सुधारों का ऐलान करते हुए सरकार ने रोजमर्रा के सामानों साबुन, तेल, घी, फूड प्रोडक्ट्स, डेयरी प्रोडक्ट्स (मक्खन, घी, पनीर, गाढ़ा/पनीर),
चॉकलेट और कोको पाउडर, सिलाई मशीन, पास्ता, कॉर्न फ्लेक्स, नूडल्स, बिस्कुट, माल्ट एक्सट्रेक्ट (गैर-कोको) के साथ ही जैम, जेली, मुरब्बा, मेवे/फलों का पेस्ट, सूखे मेवे, मेवे समेत पहले से पैक पिज्जा ब्रेड, खाखरा, चपाती, रोटी को 5% स्लैब में डाला गया है।
छोटी कारों, 350 सीसी तक की बाइक्स से लेकर ट्रैक्टर तक पर जीएसटी घटाकर 28 से 18 फीसदी किया गया है और इसका मतलब है कि इनके दाम घटने वाले हैं. इसके अलावा एयर कंडीशनर, डिशवाशर मशीनें, टीवी (एलईडी, एलसीडी), मॉनिटर, प्रोजेक्टर पर लागू 28% जीएसटी को कम करते हुए 18% कर दिया गया है. इंश्योरेंस प्रीमियम और 33 जरूरी दवाओं के साथ ही शिक्षा से संबंधित सामानों को जीएसटी फ्री यानी जीरो जीएसटी में शामिल किया गया है।
जीएसटी बदलाव के तहत करीब 90% हाउसहोल्ड आइटम्स के दाम घटेंगे और नवरात्रि के पहले दिन यानी 22 सितंबर 2025 से ये लाभ जनता को मिलने लगेंगे. हालांकि, तंबाकू प्रोडक्ट्स, कॉर्बोनेटेड-कैपिनेटेड ड्रिंक्स, फास्ट फूड और सुपर लग्जरी आइटम्स जैसे प्राइवेट जेट को 40% स्लैब में रखा गया है।