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सिरमौर, 04 अगस्त। हिमाचल प्रदेश में भारी बारिश के कारण जगह-जगह पहाड़ दरक रहे हैं। भूस्खलन के कारण जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया है। ताजा मामला सिरमौर जिले से सामने आया है- जहां पर शिलाई उपमंडल में रविवार देर रात हुए भारी भूस्खलन ने दर्जनों यात्रियों की राह रोक दी।
जाम में फंसी एंबुलेंस
भूस्खलन के चलते पांवटा साहिब-शिलाई मार्ग पर यातायात पूरी तरह बाधित हो गया। इसी जाम में एक एंबुलेंस भी फंस गई- जिसमें 80 वर्षीय राज भाज तोमर को गंभीर अवस्था में ले जाया जा रहा था। मगर एंबुलेंस के मलबे में घंटों तक फंसे रहने के कारण उन्होंने दम तोड़ दिया।
राज भाज तोमर को पांवटा साहिब से अपने पैतृक गांव लौट रहे थे। राम भाज तोमर, पूर्व विधायक बलदेव तोमर के ताऊ जी के बेटे थे और इलाके में सम्मानित बुजुर्ग माने जाते थे। उनकी मृत्यु ने पूरे क्षेत्र में शोक की लहर दौड़ा दी है। हालांकि इस संबंध में प्रशासनिक पुष्टि समाचार लिखे जाने तक नहीं हो सकी थी।
लोगों का फूटा गुस्सा
घटनास्थल पर मौजूद यात्रियों और स्थानीय ग्रामीणों ने सड़क चौड़ीकरण में लगी निजी कंपनियों पर गंभीर लापरवाही के आरोप लगाए हैं। उनका कहना है कि मलबा गिरने के कई घंटे बाद तक भी न तो कोई जेसीबी पहुंची और न ही कोई राहत टीम। बुजुर्ग, बच्चे, महिलाएं और बीमार यात्री गर्मी और धूल में फंसे रहे, लेकिन किसी ने सुध नहीं ली।
बार-बार हो रहा भूस्खलन
ग्रामीणों ने बताया कि जब से इस मार्ग पर सड़क चौड़ीकरण का कार्य शुरू हुआ है, तब से भूस्खलन की घटनाएं बढ़ती जा रही हैं। पहाड़ियों को काटकर सड़क को चौड़ा किया जा रहा है, लेकिन सुरक्षा उपायों की पूरी तरह अनदेखी की जा रही है। परिणामस्वरूप हर बारिश में यह मार्ग खतरनाक बन जाता है।
घंटों इंतजार बना मजबूरी
स्थानीय लोगों का कहना है कि इस क्षेत्र के लिए यह सड़क जीवनरेखा जैसी है, लेकिन इसका कोई वैकल्पिक मार्ग नहीं है। भूस्खलन या अवरोध की स्थिति में यात्रियों को मजबूरन कई घंटों तक रास्ता खुलने का इंतजार करना पड़ रहा है।
घटना की सूचना मिलने के बाद प्रशासनिक और निर्माण एजेंसी की टीमें देर रात मौके पर पहुंचीं और सुबह तक मलबा हटाने का कार्य शुरू किया गया। दोपहर के बाद ही मार्ग आंशिक रूप से वाहनों की आवाजाही के लिए बहाल किया जा सका।