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सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर खुली EVM, सरपंच का चुनाव हारे प्रत्याशी की हुई जीत, यहां जानें

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नई दिल्ली, 14 अगस्त। भारत में चुनावी विवादों में इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन (EVM) को लेकर हमेशा सवाल उठते रहे हैं। लेकिन अब पहली बार ऐसा हुआ है कि सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर ईवीएम खोली गई और वोटों की गिनती की गई। यह मामला हरियाणा के पानीपत जिले के बुआना लाखु गांव के पंचायत चुनाव से जुड़ा है। यहां सरपंच पद के चुनाव में विवाद हुआ था, जिस पर कोर्ट ने खुद हस्तक्षेप किया और चुनावी रिकॉर्ड सहित ईवीएम की गिनती का आदेश दिया। इस पूरी प्रक्रिया में दोनों पक्ष मौजूद थे और गिनती का वीडियो रिकॉर्डिंग भी की गई। जांच में यह पाया गया कि हारे हुए प्रत्याशी को जीत मिली है। इसे लेकर राजनीतिक हलकों में हलचल मच गई है।

बुआना लाखु गांव का सरपंच चुनाव और विवाद का इतिहास

बुआना लाखु गांव में 2 नवंबर 2022 को सरपंच पद के लिए चुनाव हुआ था। इस चुनाव में कुलदीप कुमार सिंह को विजयी घोषित किया गया था। परंतु मोहित कुमार ने इस नतीजे को चुनौती दी और अतिरिक्त सिविल न्यायाधीश के समक्ष पुनर्मतगणना की मांग की। न्यायालय ने 22 अप्रैल 2025 को पुनर्मतगणना का आदेश दिया था। हालांकि पंजाब एवं हरियाणा उच्च न्यायालय ने बाद में इस पुनर्मतगणना आदेश को रद्द कर दिया। इसके बाद मोहित कुमार ने मामले को सुप्रीम कोर्ट तक पहुंचाया। कोर्ट ने अंतिम फैसला सुनाने से पहले चुनाव में इस्तेमाल ईवीएम की गिनती कराने का आदेश दिया, जो पहली बार हुआ।

वोटों की गिनती में हारा हुआ प्रत्याशी हुआ विजेता

सुप्रीम कोर्ट के निर्देशानुसार ईवीएम की गिनती रजिस्टार की निगरानी में की गई। इस दौरान दोनों पक्षों के प्रतिनिधि मौजूद रहे। पूरी प्रक्रिया का वीडियो रिकॉर्ड किया गया। गिनती के बाद मोहित कुमार को विजयी घोषित किया गया, जबकि पहले कुलदीप कुमार को ही जीतता माना जा रहा था। इस नए नतीजे ने चुनाव प्रक्रिया की पारदर्शिता पर सवाल उठाए हैं और लोगों के मन में ईवीएम की विश्वसनीयता को लेकर बहस शुरू कर दी है।

राजनीतिक प्रतिक्रिया और BJP पर निशाना

वोटों की इस नई गिनती और परिणाम के बाद राजनीतिक पार्टियों ने इस मुद्दे को लेकर तीखी प्रतिक्रिया दी है। खासकर विपक्षी नेता तेजस्वी यादव ने इस फैसले को लेकर बीजेपी पर निशाना साधा है। उनका कहना है कि यह मामला बीजेपी की चुनावी मनमानी और ईवीएम के दुरुपयोग की ओर इशारा करता है। साथ ही कई अन्य नेता और पार्टियां भी इस फैसले को लेकर सवाल उठा रही हैं कि क्या ईवीएम में छेड़छाड़ हो सकती है और चुनाव प्रक्रिया पूरी तरह निष्पक्ष है या नहीं। यह विवाद देश में चुनाव प्रणाली की पारदर्शिता और भरोसे को लेकर महत्वपूर्ण चर्चा का विषय बन गया है।

क्या है ईवीएम और क्यों है ये विवादित?

ईवीएम यानि इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन, भारत में चुनाव के दौरान उपयोग की जाने वाली मशीन है, जिससे वोट गिनती इलेक्ट्रॉनिक तरीके से होती है। इसे चुनाव आयोग ने भ्रष्टाचार और धोखाधड़ी रोकने के लिए लागू किया था। हालांकि समय-समय पर ईवीएम को लेकर मतदाता और पार्टियों के बीच विवाद होते रहते हैं कि कहीं मशीन में छेड़छाड़ तो नहीं की गई। यह मामला भी उसी संदर्भ में देखा जा रहा है, जहां सुप्रीम कोर्ट ने पहली बार खुद ईवीएम खोल कर जांच की।

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