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शिमला, 31 जुलाई। कांगड़ा केंद्रीय सहकारी (केसीसी) बैंक प्रबंधन ने बोर्ड ऑफ डायरेक्टर्स (बीओडी) की सिफारिश पर नियमों की अवहेलना करने वाले अपने ग्रेड-3 सहायक प्रबंधक पद पर सेवारत कर्मचारी को डिमोट कर ग्रेड-4 क्लर्क के पद पर नियुक्ति दी है।
आगामी तीन साल तक किसी प्रकार की पदोन्नति पर भी रोक लगा दी है। तबादला कांगड़ा शाखा में रिकवरी विंग में किया गया है। निर्णय लिया है कि गलत तरीके से आवंटित ऋण की रिकवरी समय पर न हुई तो संबंधित कर्मचारी के वेतन-पेंशन से इसकी कटौती की जाएगी। डिमोट हुए कर्मचारी संजय पर कई आरोप हैं।
गंभीर आरोप यह है कि प्रदत्त शक्तियों का दुरुपयोग कर तय से अधिक ऋण का आवंटन किया। इससे बैंक को आर्थिक नुकसान हुआ और एनपीए बढ़ा। आरोपों के चलते बैंक सहायक प्रबंधक के पद से डिमोट कर अब रिकवरी विंग में क्लर्क के पद पर तैनाती दी है। इसके अलावा बैंक प्रबंधन और बीओडी ने बर्खास्त किए तीन अन्य कर्मचारियों को बहाल करने के साथ ही इनका तबादला किया है। इसमें ग्रेड-4 सुनील कुमार को बंगाणा से हटाकर टकोली ब्रांच, ग्रेड-2 कर्मचारियों में दिग्विजय सिंह को ज्वालामुखी की अधवानी से ऊना के गगरेट ब्रांच, अजय कुमार को नादौन के बड़ा से पालमपुर की राजपुरा ब्रांच भेजा गया है। बर्खास्त ग्रेड-दो कर्मचारी विनोद कुमार को अभी तक बहाल करने से संबंधित आदेश जारी नहीं हुए हैं।
बैंक प्रबंधन ने बैंकिंग नियमों की अवहेलना पर पांच कर्मचारियों को बर्खास्त किया था। चार कर्मचारियों को बहाल कर दिया है। ग्रेड-तीन कर्मचारी संजय पर गंभीर आरोप हैं। इसके चलते बीओडी ने उन्हें डिमोट कर ग्रेड-4 क्लर्क के पद पर नियुक्ति दी है। उन्हें आगामी तीन साल तक पदोन्नति न देने और ऋण की रिकवरी के आदेश दिए हैं। एक अन्य बर्खास्त कर्मचारी ने अभी तक औपचारिकताओं को पूरा नहीं किया है, जैसे ही औपचारिकताएं पूरी हो जाएंगी उसे भी बहाल कर दिया जाएगा। -आदित्य नेगी, (आईएएस) प्रबंध निदेशक, केसीसी बैंक धर्मशाला
