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शिमला, 09 मई। हिमाचल प्रदेश सरकार के मुख्य सचिव प्रबोध सक्सेना को सेवा विस्तार दिए जाने के फैसले को चुनौती मिली है। शिमला निवासी कैप्टन अतुल शर्मा ने इस सेवा विस्तार के खिलाफ हिमाचल प्रदेश हाई कोर्ट में जनहित याचिका दायर की है। शुक्रवार को हुई सुनवाई के बाद हाई कोर्ट ने इस मामले पर अगली सुनवाई की तारीख 15 मई 2025 तय कर दी है।
कैप्टन अतुल शर्मा ने याचिका में आरोप लगाया है कि मुख्य सचिव डीओपीटी (कार्मिक और प्रशिक्षण विभाग) के दिशा-निर्देशों का पालन नहीं कर रहे हैं और उनके खिलाफ एक अदालती मामला लंबित है, जिससे वे कई पदों के लिए अयोग्य ठहरते हैं।
गौरतलब है कि इससे पहले भी कैप्टन अतुल शर्मा ने रियल एस्टेट रेगुलेटरी अथॉरिटी (रेरा) के चेयरमैन पद की नियुक्ति प्रक्रिया पर सवाल उठाए थे। उन्होंने आरोप लगाया था कि मुख्य सचिव योग्यता की कसौटी पर खरे नहीं उतरते, फिर भी उन्हें चयन प्रक्रिया में शामिल किया गया।
अब सेवा विस्तार के खिलाफ यह कानूनी चुनौती प्रबोध सक्सेना के लिए नई प्रशासनिक मुश्किलें खड़ी कर सकती है। हाई कोर्ट में याचिका स्वीकार हो चुकी है और आने वाले दिनों में इस पर विस्तृत सुनवाई की संभावना है।