नई दिल्ली। 23 अप्रैल को गलती से पाकिस्तान सीमा में चले गए BSF जवान पूर्णम कुमार शॉ आखिरकार 20 दिन बाद अपने देश लौट आए हैं। बुधवार को पाकिस्तान ने उन्हें अटारी-वाघा बॉर्डर पर भारत को सौंपा। सीमा सुरक्षा बल (BSF) ने जवान की वापसी की पुष्टि करते हुए बताया कि DGMO स्तर पर हुई बातचीत के बाद पाकिस्तान रेंजर्स ने शॉ को रिहा किया।
पाकिस्तान की तस्वीरें बनी थीं चिंता का सबब
पूर्णम कुमार शॉ के लापता होने के बाद पाकिस्तान ने उनकी दो तस्वीरें जारी की थीं। एक तस्वीर में वे पेड़ के नीचे खड़े थे, पास में उनकी राइफल और बैग जमीन पर पड़ा था। दूसरी फोटो में उनकी आंखों पर पट्टी बंधी थी। यह तस्वीरें सामने आने के बाद भारत में चिंता और आक्रोश का माहौल बन गया था।
मेडिकल जांच के बाद जवान को घर भेजा जाएगा
BSF अधिकारियों ने बताया कि जवान को फिलहाल मेडिकल जांच के लिए ले जाया गया है। उनकी मनोवैज्ञानिक स्थिति का भी मूल्यांकन किया जाएगा। फिर उनसे पूछताछ होगी और उसके बाद उन्हें घर भेजा जाएगा।
कैसे हुआ था हादसा
बताते चलें कि 23 अप्रैल को सुबह ममदोट सेक्टर में खेतों में गेहूं कटाई चल रही थी। फेंसिंग गेट नंबर 208/1 के पास किसान अपनी मशीन लेकर पहुंचे थे। किसानों के साथ 2 जवान निगरानी पर थे। इसी दौरान पूर्णम कुमार शॉ की तबीयत बिगड़ी और वे पेड़ के नीचे बैठने चले गए। वह पेड़ सीमा के दूसरी ओर था। तभी पाक रेंजर्स ने उन्हें पकड़ लिया और हथियार भी ले लिए।
31 मार्च को ड्यूटी पर लौटे थे
करीब 40 साल के जवान छुट्टी के बाद 31 मार्च को ही ड्यूटी पर लौटे थे। वे 17 साल से BSF में सेवा दे रहे हैं। इस घटना के बाद परिवार उन्हें वापस लाने में लगातार संघर्ष करता रहा और आखिरकार उनकी ये मेहनत रंग लाई है।