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शिमला। पुराने खस्ताहाल होटलों, संचालन में लापरवाही और निजी होटलों से प्रतिस्पर्धा में पिछड़ने के कारण हिमाचल प्रदेश पर्यटन विकास निगम (HPTDC) की बिगड़ी सेहत अब काफी हद तक सुधर गई है।
HPTDC ने बीते 3 साल में लगातार तीसरी बार अपना सालाना टर्नओवर 105 करोड़ रुपए आया है। 2021-22 के मुकाबले यह तकरीबन 27 प्रतिशत अधिक है। 2021-22 में निगम का टर्न ओवर 78 करोड़ था। अगले साल, यानी 2022-23 में यह 109 करोड़, 2023-24 में 105 करोड़ और 2024-25 में बढ़कर यह 107 करोड़ रुपए पहुंचा है। अब HPTDC को हिमाचल सरकार से कोई अनुदान भी नहीं मिल रहा है।
जयराम सरकार का भी कर्ज चुकाया
HPTDC के अध्यक्ष और कैबिनेट रैंक के मंत्री आरएस बाली ने शनिवार को बताया कि बीते ढाई साल में निगम ने 41 करोड़ रुपए का कर्ज भी चुकाया है। यह देनदारियां राज्य की पिछली जयराम सरकार के समय से पेंडिंग थी। उन्होंने बताया कि आगे एशियाई विकास बैंक ने HPTDC को मदद की पेशकश की है। बैंक से जो फंड आएगा, उसे निगम के होटलों के रखरखाव पर खर्च किया जाएगा। उन्होंने कहा कि निगम की प्रॉपर्टीज पर पैसा खर्च होने से सेवा की गुणवत्ता में भारी सुधार आएगा। इससे HPTDC का टर्न ओवर 500 करोड़ पहुंचने की उम्मीद है।
कर्मचारियों को भी हुआ फायदा
HPTDC ने बीते 3 साल में सेवाओं की गुणवत्ता, बेहतर मार्केटिंग रणनीति और होटलों में आने वाले पर्यटकों को खास अनुभव देने की दिशा में काफी प्रयास किए हैं। इसका फायदा निगम के कर्मचारियों को भी मिला है, जिनकी ग्रैच्युटी के लिए 41 करोड़ रुपए दिए गए हैं, जो कि पिछली भाजपा सरकार के समय दिए गए 26 करोड़ रुपए से कहीं अधिक है। बाली ने कहा कि HPTDC के होटलों की स्थिति सुधारने की दिशा में फंडिंग के लिए कई स्तरों पर बातचीत चल रही है। इससे आने वाले वर्षों में निगम का टर्नओवर बढ़ाने में मदद मिलेगी।