हिमाचल: 10 हजार में बीच दिया ईमान, लेबर इंस्पेक्टर रिश्वत लेते रंगे हाथों गिरफ्तार, जानें पूरा मामला

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न्यूज अपडेट्स 
ऊना। हिमाचल प्रदेश में दो दिन में दूसरा रिश्वत का मामला सामने आया है। बीते रोज गुरुवार को कांगड़ा जिला के इंदौरा में एक पंचायत सचिव छह हजार की रिश्वत लेते रंगे हाथ पकड़ा था। अब ऐसा ही एक मामला ऊना जिला से सामने आया है। यहां विजिलेंस की टीम ने 10 हजार की रिश्वत लेते एक लेबर इंस्पेक्टर को गिरफ्तार किया है। मामला ऊना जिला मुख्यालय से सामने आया है।

लेबर इंस्पेक्टर 10 हजार रिश्वत लेते गिरफ्तार

सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार आज शुक्रवार को विजलेंस विभाग के अधिकारियों ने दस हजार की रिश्वत लेते हुए लेबर इंस्पेक्टर को रंगेहाथों पकड़ने में सफलता हासिल की है। राज्य सतर्कता एवं भ्रष्टाचार विरोधी थाना ऊना की टीम ने यह कार्रवाई टाहलीवाल औद्योगिक क्षेत्र के एक लेबर ठेकेदार की शिकायत पर की। विभाग ने इस संबंध में मामला दर्ज कर आगामी कार्रवाई शुरू कर दी है। 

लेबर लाइसेंस रिन्यू करवाने को मांगी थी रिश्वत

बताया जा रहा है कि लेबर इंस्पेक्टर रणवीर डडवालिया ने एक ठेकेदार से लेबर लाइसेंस रिन्यू करवाने की एवज में 10 हजार रुपए की रिश्वत मांगी थी। ठेकेदार ने इसकी शिकायत विजिलेंस विभाग में की। शिकायत मिलने पर  राज्य सतर्कता व भ्रष्टाचार विरोधी थाना ऊना की टीम द्वारा सुनियोजित तरीके से जाल बिछाया और लेबर इंस्पेक्टर रणवीर डडवालिया को 10 हजार रुपए की रिश्वत लेते रंगे हाथ गिरफ्तार कर लिया।

विजिलेंस की टीम की इस कार्रवाई से क्षे में हड़कंप मच गया है। विजिलेंस ने इस संबंध में मामला दर्ज कर आगामी कार्रवाई शुरू कर दी है। डीएसपी विजिलेंस एवं एंटी करप्शन ब्यूरो फिरोज खान ने बताया कि मामले की जांच जारी है। आरोपी से पूछताछ के साथ उसके ठिकाने पर बैंक खातों को भी खंगाला जाएगा।

बताया जा रहा है कि आरोपी रणबीर सिंह के खिलाफ पहले भी एक भ्रष्टाचार का मामला दर्ज है। 2 फरवरी 2022 को एक मामले की तहत उन पर 26,000 रुपये की रिश्वत लेने का आरोप है। वह यह रिश्वत हिमाचल प्रदेश दुकानों और वाणिज्यिक प्रतिष्ठान अधिनियम, 1969 के तहत रजिस्ट्रेशन सर्टिफिकेट जारी करने के बदले ले रहा था।

कांगड़ा में छह हजार रिश्वत लेते पंचायत सचिव धरा

बता दें कि इससे पहले बीते रोज ही विजिलेंस की टीम ने कांगड़ा जिले के विकास खंड इंदौरा में पंचायती राज विभाग के एक कर्मचारी को रिश्वत लेते हुए रंगे हाथों गिरफ्तार किया था। आरोपी पंचायत सचिव पर एक दस्तावेज जारी करने के बदले छह हजार रुपये की अवैध मांग करने का आरोप था। विजिलेंस टीम ने शिकायत के आधार पर जाल बिछाकर यह कार्रवाई की।

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