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शिमला। हिमाचल प्रदेश में बिजली विभाग के चीफ इंजीनियर विमल नेगी की संदिग्ध मौत ने सरकारी विभागों में अफसरों की कार्यशैली पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। इस मामले में विमल नेगी के परिजनों ने बिजली विभाग के बड़े अफसरों पर प्रताड़ना के आरोप लगाए हैं, जिसके बाद हिमाचल पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने भी अफसरशाही के रवैये पर चिंता जताई है।
शिमला में सीआईडी (इंटेलिजेंस) के एसपी भूपेंद्र नेगी ने फेसबुक पर एक पोस्ट लिखकर उच्चाधिकारियों की कार्यप्रणाली पर सवाल उठाए, हालांकि उन्होंने किसी का नाम स्पष्ट रूप से उजागर नहीं किया। इस घटना ने पूरे राज्य में हड़कंप मचा दिया है और कर्मचारी अब खुलकर अपनी बात रख रहे हैं।
विमल नेगी की मौत का पूरा मामला
किन्नौर के रहने वाले विमल नेगी हिमाचल प्रदेश पावर कॉरपोरेशन लिमिटेड (एचपीपीसीएल) में चीफ इंजीनियर के पद पर कार्यरत थे। 10 मार्च, 2025 को वह शिमला से अचानक लापता हो गए थे। इसके बाद 18 मार्च को उनकी लाश बिलासपुर के भाखड़ा डैम में मिली। परिजनों का आरोप है कि विभाग के अफसरों ने उन्हें इतना प्रताड़ित किया कि वह इस कदम तक पहुंच गए। विमल नेगी के गायब होने से पहले वह शिमला के एक निजी अस्पताल में जांच के लिए गए थे, लेकिन बिना जांच करवाए पर्ची बनवाकर लौट आए। इसके बाद उन्होंने ओल्ड बस स्टैंड पर सरकारी गाड़ी छोड़ी और टैक्सी से बिलासपुर चले गए, जहां उनकी मौत की खबर आई।
परिजनों के आरोप और अफसरों पर कार्रवाई
विमल नेगी के परिवार ने बिजली विभाग के अफसर हरिकेश मीणा और डायरेक्टर देशराज पर गंभीर आरोप लगाए हैं। परिजनों का कहना है कि इन अफसरों की प्रताड़ना के कारण ही विमल नेगी ने आत्महत्या जैसा कदम उठाया। इन आरोपों के बाद पुलिस ने दोनों अफसरों के खिलाफ केस दर्ज किया है। इस घटना ने हिमाचल की अफसरशाही पर सवालिया निशान लगा दिया है। कई रिटायर्ड कर्मचारी भी सोशल मीडिया पर अपने अनुभव साझा कर रहे हैं और बता रहे हैं कि उनके कार्यकाल में भी उन्हें इसी तरह परेशान किया गया था।
हिमाचल पुलिस के एसपी का बयान
शिमला में सीआईडी (इंटेलिजेंस) के एसपी भूपेंद्र नेगी ने फेसबुक पर लिखा, “हिमाचल पुलिस में भी एक ऐसा बहुत बड़ा अधिकारी है, जिसने बहुत सारे ऑफिसर को परेशान कर रखा है। कभी कहीं कोई…”। हालांकि उन्होंने विमल नेगी का नाम नहीं लिया, लेकिन उनकी यह पोस्ट मौजूदा हालात से जोड़कर देखी जा रही है। इस पोस्ट के बाद कर्मचारियों में आक्रोश और बढ़ गया है और वे खुलकर अपनी बात रख रहे हैं।
भाजपा और कांग्रेस में सियासी घमासान
इस मामले ने हिमाचल प्रदेश में सियासी तूफान खड़ा कर दिया है। भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने विमल नेगी की मौत की सीबीआई जांच की मांग की है। भाजपा का कहना है कि मामले में एमडी का पद लिखा गया है, लेकिन नाम का उल्लेख नहीं है, जिससे जांच में पारदर्शिता पर सवाल उठते हैं। वहीं, सत्तारूढ़ कांग्रेस सरकार ने सीबीआई जांच से इंकार कर दिया है। मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा कि इसकी जांच एसीएस रैंक के अधिकारी करेंगे और दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। इस मुद्दे पर दोनों पार्टियां आमने-सामने हैं और यह मामला राज्य में चर्चा का केंद्र बन गया है।
क्यों उठ रहे हैं सवाल?
विमल नेगी की मौत के बाद अफसरशाही पर सवाल इसलिए उठ रहे हैं क्योंकि यह पहला मामला नहीं है जब सरकारी विभागों में प्रताड़ना की बात सामने आई हो। परिजनों के आरोपों और पुलिस में दर्ज केस ने इस मुद्दे को और गंभीर बना दिया है। सोशल मीडिया पर कई कर्मचारी और रिटायर्ड अफसर अपने अनुभव साझा कर रहे हैं, जिसमें उच्चाधिकारियों द्वारा प्रताड़ना की घटनाएं शामिल हैं। यह मामला अब केवल एक मौत तक सीमित नहीं रहा, बल्कि सरकारी विभागों की कार्यप्रणाली पर सवाल बन गया है।
मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने आश्वासन दिया है कि इस मामले की निष्पक्ष जांच होगी और दोषियों को बख्शा नहीं जाएगा। वहीं, विपक्षी दल भाजपा सीबीआई जांच की मांग पर अड़ी हुई है। यह मामला हिमाचल प्रदेश में सुर्खियों में बना हुआ है और आने वाले दिनों में जांच के नतीजे इसकी दिशा तय करेंगे। कर्मचारियों और परिजनों की नजर अब सरकार के अगले कदम पर टिकी है।