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रामपुर (शिमला)। अपर शिमला के ठियोग में एक नकली ड्रग इंस्पेक्टर को पुलिस ने पकड़ा है। वह इलाके के व्यावसायिक प्रतिष्ठानों में अचानक पहुंचकर हजारों का चालान बनाने की बात कहता। शुक्रवार को उसने एक कैफे संचालक को भी लूटने की कोशिश की। दुकानदार को शक हुआ तो आईडी मांगा। पता चला कि वह सरकारी नहीं, बल्कि नकली ड्रग इंस्पेक्टर है।
यह नकली ड्रग इंस्पेक्टर कैफे संचालक से कागजों में अनियमितता बताकर 5000 रुपए का चालान बनाने की धमकी दे रहा था। जब उससे कहा गया कि चालान नहीं भरना है तो उसने 500 रुपए की रिश्वत मांगी। इसी से दुकानदार का शक पक्का हो गया।
बहुतों से पैसे ऐंठे
जब स्थानीय दुकानदारों ने नकली ड्रग इंस्पेक्टर को घेरा तो पता चला कि उसने आसपास के और भी दुकानदारों को डरा-धमकाकर पैसे लिए हैं।
स्थानीय दुकानदारों ने घेरा
स्थानीय दुकानदारों ने इकट्ठा होकर इस व्यक्ति को घेर लिया और मौके पर पुलिस को सूचना दी। कैफे के संचालक पंकज शर्मा ने बताया कि नकली इंस्पेक्टर बनकर आए व्यक्ति ने अपना नाम सुरेंद्र बताया और अपने-आप को सैंज ठियोग का निवासी बताया है। पंकज ने कहा कि कैफे में आते ही चालान करने की बात कहने लगा। उसके बाद उन्होंने पूरे मामले की सूचना पुलिस को दी। नकली ड्रग इंस्पेक्टर को पकड़कर ठियोग थाना लाया गया है। मेडिकल करवाने के बाद पुलिस आगामी कार्रवाई में जुट गई है।
चिट फंड नाम से कंपनी ने डकार गई करोड़ों रुपए
बता दंे कि हिमाचल प्रदेश में बिना अनुमति के 9 साल तक काम करती रही एक सोसायटी लोगों के 500 करोड़ रुपए डकारकर अब भाग गई है। कई बार नोटिस जारी करने के बाद भी जवाब नहीं मिलने के बाद अब सेंट्रल रजिस्ट्रार कोऑपरेटिव सोसायटी ने इस संगठन का विघटन शुरू कर दिया है।
हिमाचल प्रदेश में चिटफंड जैसा खेल चला रही सोसायटी का नाम ह्यूमन वेलफेयर क्रेडिट एंड थ्रिफ्ट कोऑपरेटिव सोसायटी है। सेंट्रल रजिस्ट्रार के पास लोगों के पैसे की वसूली का इससे अच्छा और कोई विकल्प नहीं बचा है कि वह ह्यूमन वेलफेयर क्रेडिट एंड थ्रिफ्ट कोऑपरेटिव सोसायटी की हिमाचल प्रदेश में पड़ी स्थायी संपत्तियों को बेच दे। यह प्रक्रिया शुरू हो चुकी है।