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शिमला। हिमाचल प्रदेश के पात्र छात्रों का वजीफा, यानी स्कॉलरशिप की लूट के मामले में प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने आरोपी मां सरस्वती एजुकेशनल ट्रस्ट की जमीन और दो फ्लैट को अटैच किया है। प्रिवेंशन ऑफ मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट के तहत की गई इस कार्रवाई में मां सरस्वती एजुकेशनल ट्रस्ट के नाम से रजिस्टर्ड ट्रस्ट की 125 बीघा भूमि और पंचकूला (हरियाणा) में स्थित दो फ्लैट जब्त किए गए हैं।
मां सरस्वती एजुकेशनल ट्रस्ट के नाम से रजिस्टर्ड ट्रस्ट सिरमौर के नाहन का है। अटैच किए गए दोनों फ्लैट प्रीति बंसल और ऋचा बंसल के नाम पर है। ED की जांच में सामने आया कि इस ट्रस्ट ने छात्रवृत्ति योजना के तहत फर्जीवाड़ा कर करोड़ों रुपये का गबन किया। इस मामले में सीबाआई पहले ही एफआईआर दर्ज कर चुकी है। ED ने उसी एफआईआर के आधार पर जांच शुरू की थी।
ऐसे हड़पे छात्रवृत्ति के करोड़ों रुपए
ओबीसी, एससी और एसटी छात्रों को दी जाने वाली पोस्ट मैट्रिक स्कॉलरशिप की रकम को हड़पने के लिए ऐसे छात्रों के नाम दर्ज किए गए, जो संस्थान में पढ़ ही नहीं रहे थे। उन छात्रों का नाम भी जोड़ा गया जो कोर्स अधूरा छोड़ चुके थे। छात्रों का कोर्स बदलकर फर्जी दस्तावेज अपलोड किए गए।
यही नहीं, छात्रों की जाति बदली गई और डे स्कॉलर छात्रों को हॉस्टलर दिखाकर ज्यादा फंड लिया गया। डिस्टेंस एजुकेशन कोर्स के लिए झूठी फीस दिखाकर पैसा लिया गया। इस फर्जीवाड़े से जमा हुए करोड़ों रुपयों से ट्रस्ट के कर्ताधर्ताओं ने ने अपने और अपने परिवार के नाम पर चल-अचल संपत्तियां खरीदने में इस्तेमाल किया।
अब तक 29 करोड़ की संपत्तियां अटैच
ED 10.67 करोड़ रुपये की संपत्तियां पहले ही अटैच कर चुकी है। अब तक कुल अटैच संपत्ति की कीमत लगभग 29 करोड़ रुपये हो गई है। ED ने इस मामले में 30 जनवरी 2025 को दो लोगों को गिरफ्तार किया था, जो फिलहाल जेल में है। इससे पहले 30 अगस्त 2023 को चार अन्य लोगों की गिरफ्तारी भी हो चुकी है। ED की जांच अभी जारी है और आने वाले समय में इस घोटाले से जुड़े और भी नाम सामने आ सकते है।