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नाहन. हिमाचल प्रदेश में सिरमौर की दो पंचायतों में स्कूटर और बाइक पर रेत-बजरी की ढुलाई का मामला सामने आया है. आरटीआई में खुलासा हुआ है कि इसमें 50 लाख रुपये से अधिक का घोटाला हो सकता है. आरटीआई कार्यकर्ता को इस खुलासे के बाद धमकियां मिल रही हैं. यह मामला रेणुका विधानसभा की रेडली और दाना घाटों पंचायत का है. दो पंचायतों में एक ही एम फॉर्म दिखाया गया है. कार्यकर्ता ने मुख्यमंत्री से उचित कार्रवाई की मांग की है. गौरतलब है कि शिमला के ठियोग में बाइक और ओल्टो गाड़ी में भी पानी की सप्लाई का घोटाला सामने आ चुका है।
दरअसल, शिमला के ठियोग में चर्चित पानी घोटाले के बाद अब सिरमौर में बाइक, स्कूटर और कारों में रेत-बजरी ढोने के आरोप लगे हैं. इसमें 50 लाख रुपये से अधिक के घोटाले की आशंका है. नाहन में एक पत्रकारवार्ता के दौरान रेडली पंचायत के निवासी और आरटीआई कार्यकर्ता कृष्ण दत्त ने मीडिया से बातचीत की. कृष्ण दत्त ने बताया कि उन्होंने इस मामले की जांच के लिए विजिलेंस को शिकायत सौंपी है. उन्होंने आरोप लगाया कि ग्राम पंचायत रेडली और दाना घाटों में विकास कार्यों में धांधलियां की गई हैं. दोनों पंचायतों में एक जैसे एम. फार्म लगाए गए हैं.
एक कंपनी के बिलों में स्कूटर, मोटरसाइकिल, कार, जेसीबी और मैक्स गाड़ी के नंबर ढुलाई के लिए दर्शाए गए हैं. उन्होंने मीडिया को आरटीआई के माध्यम से प्राप्त वाहनों के नंबर की सूची भी दिखाई. उन्होंने कहा कि उन्होंने मामले की जानकारी एकत्रित कर अधिकारियों से शिकायत की है, लेकिन अभी तक कोई कार्रवाई नहीं हुई है. कृष्ण दत्त ने बताया कि मामले को दबाने के लिए उन पर झूठे एट्रोसिटी के आरोप लगाए जा रहे हैं और बड़े लोगों के साथ पहुंच का हवाला दिया जा रहा है. उन्होंने मीडिया के माध्यम से मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू से मामले में उचित कार्रवाई की गुहार लगाई है. कृष्ण ने विजिलेंस और एंटी करप्शन ब्यूरो को शिकायत भेजी है.
ठियोग में पानी सप्लाई का खुलासा
इससे पहले, शिमला के ठियोग में पानी की सप्लाई के लिए 1.13 करोड़ रुपये की पैमेंट की गई थी. यहां पर बाइक, ओल्टो और बोले गाड़ी में पानी की सप्लाई दिखाई गई थी. मामले की विजिलेंस ने जांच की है. जलशक्ति विभाग के 10 अफसरों को सस्पेंड भी किया गया है।