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शिमला. हिमाचल प्रदेश के सोलन जिले के बद्दी की एसपी आईपीएस अधिकारी इल्मा अफ़रोज़ को सरकार ने शिमला पुलिस मुख्यालय में तैनाती दी है. हालांकि, अब एसपी बद्दी की शिमला में तैनाती को लेकर हिमाचल प्रदेश हाई कोर्ट सख्त नजर आ रहा है और हाई कोर्ट ने सुच्चा सिंह की याचिका पर सुनवाई करते हुए गृह सचिव और डीजीपी को नोटिस जारी कर स्पष्टीकरण मांगा है. मामले की अगली सुनवाई 4 जनवरी को तय की है. गौरतलब है कि लंबी छूटी पर जाने के बाद इल्मा अफ़रोज़ की 16 दिसंबर से शिमला में पुलिस मुख्यालय में तैनाती दी गई है, जबकि बद्दी के लोगों ने वहीं पर उनकी तैनाती की मांग की है.
न्यायाधीश विवेक सिंह ठाकुर और न्यायाधीश राकेश कैंथला की खंडपीठ ने याचिकाकर्ता सूचा सिंह की याचिका की प्रारंभिक सुनवाई के पश्चात यह आदेश जारी किए. प्रार्थी ने इस मामले में हाईकोर्ट से उपयुक्त आदेश जारी करने की मांग करते हुए कहा कि इल्मा अफरोज की बद्दी, बरोटीवाला और नालागढ़, जिला सोलन में तैनाती से वहां की और आम जनता कानून के हाथों सुरक्षित महसूस करेगी और क्षेत्र में कानून व्यवस्था बनाए रखने के लिए सभी ड्रग माफियाओं और खनन माफियाओं के खिलाफ कानून के अनुसार कार्रवाई सुनिश्चित हो पाएगी. प्रार्थी के एडवोकेट का कहना है कि वर्ष 2024 में जब से इल्मा अफरोज को पुलिस अधीक्षक, बद्दी, बरोटीवाला और नालागढ़ के रूप में तैनात किया गया था, तब से उक्त क्षेत्र में उन्होंने कानून के राज को लागू किया था. एनजीटी की ओर से जारी सभी निर्देशों के साथ-साथ हिमाचल हाईकोर्ट के पारित सभी आदेशों को लागू किया था.
इस मामले में सरकार की तरफ से कोई आदेश या प्रतिक्रिया भी नहीं दी गई है. अहम बात है कि हाईकोर्ट ने एसपी के ट्रांसफर पर रोक लगाई थी. मामले में नवंबर 7 तारीख को एसपी छुट्टी पर चली गई थी और बाद में हिमाचल सरकार ने उन्हें शिमला में डीजीपी दफ्तर में अटैच किया है. यानी सरकार ने आईपीएएस इल्मा अफरोज को वापस बद्दी में तैनात नहीं किया है, ना ही उनके वहां से ट्रांसफर के ऑर्डर सार्वजनिक किए गए हैं.
हिमाचल प्रदेश के बद्दी की एसपी इल्मा अफरोज और स्थानीय विधायक राम कुमार चौधरी में विवाद देखने को मिला था. अफसर और विधायक के बीच टकराव हुआ था और विधायक ने विधानसभा में प्रिवलेज मोशन का नोटिस एसपी को दिया था. इस मामले में हिमाचल पुलिस भी जांच कर रही है. इस बीच एसपी को सरकार ने लंबी छुट्टी पर भेज दिया था. हालांकि, 16 दिसंबर को जब वह लौटी तो उन्हें बद्दी नहीं भेजा गया और शिमला में तैनाती दी.