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मंडी। हिमाचल में देव संस्कृति और परम्पराओं के नाम पर अमानवीय कृत्यों का दौर आज भी जारी है। उच्च न्यायालय और सुप्रीम कोर्ट के आदेश को भी यहां के लोग आज भी कुछ नहीं मानते। यही कारण है कि पशु बलि देना आज भी यहां लगातार जारी है। सबसे बड़ी परेशानी यह है कि इससे प्रशासन और पुलिस कोई भी कोई खास फर्क नहीं पड़ता। जबकि कोर्ट के आदेशों का पालन सुनिश्चित करना उनकी जिम्मेदारी है।
ऐसा ही मामला आज मंडी के चैल चौक से सामने आया है जहां सरेआम बीच बाजार में सैकड़ों लोगों की उपस्थिति में बकरे की बलि दी गई। जबकि यह सुप्रीम कोर्ट के आदेशों की अवमानना है। आपको जानकर हैरानी होगी कि यह कुकृत्य पुलिस टीम की मौजूदगी में किया गया और स्कूल के छोटे बड़े सैकड़ों बच्चे भी वहां मौके पर मौजूद थे। जोकि इस कृत्य को और भी घिनौना और अमानवीय बना देते है।
"आपको बात दें कि यह बलि आज सुबह उस समय दी गई जब चैल चौक में देवता बालाकामेश्वर की स्थापना की गई। मौके पर देवता के साथ आए बहुत से देवलू, व्यापार मंडल के पदाधिकारी, दुकानदार, चैल चौक स्कूल के अध्यापक, पंचायत के प्रतिनिधि, विधायक विनोद कुमार, देवता सैकड़ों की संख्या में लोग और सैकड़ों स्कूली बच्चे मौजूद थे। स्थापना के समय इस जगह देवता को बकरे की बलि दी गई। आपको जानकर हैरानी होगी कि यह बलि पूरी जनता के सामने दी गई।
प्रत्यक्षदर्शियों में बताया कि बकरे को पहले नीचे गिराया गया तथा बड़ी बेरहमी के साथ काटा गया। जिसके चलते बहुत बड़ी संख्या में लोग दहशत से भर गए। स्कूली छात्रों ने बताया कि उनको स्कूल के अध्यापक वहां लेकर गए थे और उनके सामने यह कुकृत्य हुआ। इस मामले में निदेशक उच्च शिक्षा का कहना है कि ऐसे किसी भी समारोह में स्कूल के बच्चों को नहीं ले जाया जा सकता। उन्होंने कहा कि अगर इस तरह की कोताही बरती गई है तो उचित कार्यवाही की जाएगी।
आपको यह भी जानकर हैरानी होगी कि जब बेरहमी से बकरे का कत्ल किया गया उस समय मौके पर गोहर पुलिस स्टेशन से एएसआई अजय भी अपनी टीम के साथ मौजूद थे। उनकी ड्यूटी वहां पर लोगों की सुरक्षा के लिए लगाई गई थी। यह बेहद गंभीर विषय है कि पुलिस का काम कोर्ट के आदेशों की पालना करवाना होता है। जबकि चैल चौक में सरेआम पुलिस की मौजूदगी में बकरे की बलि दी है।
यह भूमि लोक निर्माण विभाग की है। चैलचौक बाजार के बीचोंबीच, जहां यह राऊंड अवऊट पीडब्ल्यूडी ने बनाया है। व्यापार मंडल चैलचौक ने इसके ऊपर देवता का चबूतरा खड़ा कर दिया। आज स्थानीय विधायक विनोद कुमार की अगुवाई में देवता वहां पर लाया गया और तोगड़ा (पाथरू) की स्थापना करवाई गई। स्थानीय विधायक विनोद कुमार ने भी अपने फेसबुक पेज पर वीडियो शेयर किए हैं।
आपको बता दें कि इस मामले में हिमाचल प्रदेश हाइकोर्ट और सुप्रीम कोर्ट ऑफ इंडिया आदेश दे चुके है कि इस तरह की बलि सरेआम या सार्वजनिक स्थान पर देना अपराध है। इस मामले में न केवल सुप्रीम कोर्ट के आदेशों की अवमानना हुई है। बल्कि पशु क्रूरता अधिनियम की भी धज्जियां उड़ी है।
इस मामले में संज्ञान लेते हुए राइट फाउंडेशन एनजीओ के अध्यक्ष सुरेश कुमार ने पुलिस स्टेशन गोहर में देवता के देवलुओं, व्यापार मंडल के पदाधिकारियों, स्कूल और कार्यक्रम के आयोजकों के खिलाफ एफआईआर दर्ज करवाई है। पुलिस ने तत्काल कार्यवाही करते हुए पशु क्रूरता अधिनियम की धारा 11 में मुकदमा दर्ज कर लिया है तथा मामले की जांच जारी है।