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शिमला। मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने डीसी-एसपी सम्मेलन के शुभारंभ सत्र की अध्यक्षता करते हुए ऊना, बिलासपुर, चंबा, किन्नौर और लाहौल-स्पीति जिलों के अधिकारियों को राज्य सरकार की प्रमुख योजनाओं के क्रियान्वयन में तेजी लाने के निर्देश दिए, ताकि लोगों को कल्याणकारी योजनाओं के लाभ शीघ्र प्रदान किए जा सके। मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार सुशासन पर विशेष ध्यान केन्द्रित कर रही है और पारदर्शिता व ईमानदार कार्यप्रणाली सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार के निर्देशों का सख्ती से पालन सुनिश्चित किया जाए और लोकहित के कार्यों में लापरवाही की कोई भी गुंजाइश नहीं होनी चाहिए।
ठाकुर सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने कहा कि राज्य सरकार ने अपने वार्षिक बजट में हिमाचल प्रदेश के विकास के लिए स्पष्ट रोडमैप तैयार किया है। इसमें से विभिन्न योजनाओं का सफल क्रियान्वयन किया जा रहा है और अन्य योजनाएं जमीनी स्तर पर आकार ले रही हैं। उन्होंने सभी उपायुक्त और पुलिस अधीक्षक से शासन में सुधार के लिए सुझाव देने को कहा, ताकि लोगों को घर-द्वार पर बेहतर सेवाएं प्रदान की जा सके। मुख्यमंत्री ने इन प्रगतिशील परिवर्तनों के माध्यम से हिमाचल प्रदेश को आत्मनिर्भर राज्य बनाने के लिए राज्य सरकार की प्रतिबद्धता दोहराई।
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार पुलिस बल के आधुनिकीकरण और पुलिस की कार्यप्रणाली में उन्नत तकनीक के उपयोग को बढ़ावा देने के लिए प्रतिबद्ध है। उन्होंने नशे की समस्या से निपटने के लिए सरकार के प्रयासों पर बल दिया और कहा कि युवा पीढ़ी को नशे की लत से बचाने के लिए नशा माफिया के खिलाफ लड़ाई को और तेज किया जाएगा।
मुख्यमंत्री ने ‘जिला सुशासन सूचकांक 2023-24’ जारी किया और शीर्ष स्थान प्राप्त करने वाले कांगड़ा जिला को 50 लाख रुपये का पुरस्कार प्रदान किया। दूसरे स्थान पर रहे बिलासपुर जिले को 35 लाख रुपये व तीसरे स्थान पर रहे हमीरपुर जिले को 25 लाख रुपये और प्रशंसा पत्र प्रदान किया गया। उन्होंने इस अवसर पर संबंधित जिलों के उपायुक्तों को पुरस्कार राशि के चेक प्रदान किए। उन्होंने ‘सांख्यिकी सार 2023-2024’ पुस्तिका का भी विमोचन किया।