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शिमला। जिला शिमला के विकास खंड रोहड़ू की पंचायत करासा के प्रधान को मनरेगा और 15वें वित्त आयोग के विकास कार्यों में अनियमिताएं बरतने पर निलंबित कर दिया है। उपायुक्त अनुपम कश्यप ने प्रधान देव राज को निलंबित करने के आदेश की अधिसूचना जारी की है।
स्थानीय निवासी ने उक्त प्रधान के खिलाफ लिखित में शिकायत खंड विकास अधिकारी रोहड़ू के पास की थी। प्रारंभिक जांच में 6 मई 2024 को 135 पन्नों की जांच रिपोर्ट सौंपी। इस रिपोर्ट में वर्ष 2020 से 2024 तक विकासात्मक कार्यों में वित्तीय अनियमिताएं पाए जाने की पुष्टि हुई। 1 जुलाई को जांच में लगे आरोपों को लेकर प्रधान को कारण बताओ नोटिस जारी किया गया।
4 जुलाई को प्रधान ने उक्त आरोपों पर लिखित जवाब दायर किया। इसके बाद प्रधान के लिखित जवाबों का अवलोकन पंचायत के रिकॉर्ड के साथ किया गया। जांच में प्रधान की ओर से अपने बचाव में पेश किए तथ्य ठोस नहीं पाए गए। प्रधान ने फर्जी बिल, कार्यों के बजट को स्थानांतरित करने, अधूरे कार्यों, मजदूरों के खातों में सीधे मजदूरी न ट्रांसफर करने, एक ही व्यक्ति को बिना कोटेशन के कार्य आवंटित करने, बिना बजट के अत्याधिक कार्य करवाने, समान की खरीददारी एवं तकनीकी अनुमति के बिना कार्य करने की अनियमिताएं जांच में सामने आई है।
उपायुक्त अनुपम कश्यप ने बताया कि हिमाचल प्रदेश पंचायती राज अधिनियम 1994 की धारा 145 (1) (c) के तहत प्रधान को अपने कार्य में लापरवाही बरतने के लिए तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया है। उन्होंने पंचायत से जुड़ा रिकॉर्ड, स्टोर, स्टॉक, स्टांप पंचायत सचिव को सौंपने के आदेश जारी भी दिए है।