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शिमला। एचआरटीसी के ऐसे परिचालक जिनके रूट पर लगातार आमदनी कम है उनकी अब खैर नहीं है। ऐसे परिचालकों को एचआरटीसी ट्रांसफर करेगा और उन रूटों पर ऐसे कंडक्टरों को चलाया जाएगा जिनकी परफॉर्मेंस अच्छी रही है। एचआरटीसी अपनी आमदनी को बढ़ाने के लिए कई तरह के सुधारात्मक कदम उठा रहा है जिनमें से एक कदम यह भी है। पूरे प्रदेश में ऐसे कम आय वाले रूटों पर नजर रखने को कहा गया है और रोजाना उनकी आमदनी के आंकलन को कहा गया है। प्रदेश में रोजाना ऐसे रूटों का आंकलन होगा और उनमें तैनात कंडक्टरों को बदला जाएगा।
सभी अधिकारियों को निर्देश
प्रदेश पथ परिवहन निगम को घाटे से उभारने के लिए निगम प्रबंधन ने सख्ती दिखानी शुरू कर दी है। एचआरटीसी प्रबंधन रोजाना रूट वार आय का आंकलन करेगा जिसके लिए अधिकारियों को मंडल स्तर पर निर्देश जारी किए गए हैं। इन रूटों पर सुधारात्मक कदम उठाने होंगे और कहीं न कहीं कंडक्टरों के साथ अधिकारियों की परफॉर्मेंस भी इसमें दिखेगी। उनपर दायित्व होगा कि इन रूटों को फायदे में लाएं और अपने स्तर पर सुधारात्मक कदम उठाएं। यदि किसी रूट की आय कम होती है तो परिचालक को उस रूट से हटा दिया जाएगा ऐसे कहा गया है। ऐसे में कई जगहों पर कंडक्टरों के तबादले होने तय हैं। निगम क बहुत्तेरे ऐसे रूट हैं जो कम आमदनी वाले हैं जबकि वहां पर प्राइवेट ऑपरेटर अच्छी कमाई कर रहे हैं।
शिकायत पर होगी कार्रवाई
उनकी अपेक्षा में एचआरटीसी की इनकम कम है। फिलहाल पहली कड़ी में कंडक्टरों को वहां से बदलने को कहा गया है जिसके बाद नए कंडक्टर क्या करते हैं यह देखा जाएगा। इतना ही नहीं कंडक्टरों को सवारियां लाने के लिए आवाज लगाने को भी कहा गया है। एचआरटीसी के कंडक्टर आवाज नहीं लगाते जबकि प्राइवेट ऑपरेटरों के कंडक्टर इसमें पूरी तरह से पारंगत हैं। ऐसे काम अब एचआरटीसी के कंडक्टरों को भी करने होंगे और यदि उनकी शिकायत होती है तो इसपर भी कार्रवाई की जाएगी। कंडक्टर को रूट से हटा दिया जाएगा।
प्रतिदिन आय का होगा आंकलन
एचआरटीसी शिमला लोकल डिपो की ऐसी बसें जो लंबे रूट पर चल रही हैं उससे इसकी शुरूआत कर दी गई है। इनकी आय की दैनिक रिपोर्ट निगम मुख्यालय को भेजी जा रही है। निगम के प्रबंध निदेशक की ओर से इस संबंध में सभी क्षेत्रीय प्रबंधकों, मंडलीय प्रबंधकों को निर्देश जारी कर दिए हैं। किस रूट की औसतन आय क्या है, जिस दिन आय में कमी आ रही है उसका क्या कारण है, इसका भी आंकलन किया जा रहा है।
तय समय पर चलाए बसें
बस अड्डा प्रभारियों को निर्देश दिए हैं कि बसों को तय समय पर चलाएं। इस को चलाने में देरी नहीं होनी चाहिए क्योंकि इससे भी नुकसान होता है। यदि बस किसी रूट से देरी से आ रही है तो वैकल्पिक व्यवस्था अपनाते हुए प्रबंध करने को कहा गया है। रूट पर जहां पर भी सवारियां मिले वहां पर बसों को रोका जाए इसके भी विशेष निर्देश दिए गए हैं। कई बार बस में सवारियां पूरी होने पर एचआरटीसी के चालक बसों को नहीं रोकते और आगे निकल जाते हैं जबकि प्राइवेट ऑपरेटर ऐसा नहीं करते और अपनी बसों में ठूंस ठूंस कर भी सवारियां बिठाते हैं। इसलिए उनको कहा गया है कि लाभ में आने के लिए सवारियों को बिठाएं। परिचालकों को यह भी निर्देश देने को कहा गया है कि वह निजी बसों के परिचालकों की तरह यात्रियों को आवाज लगाकर बुलाएं। इसका बाकायदा उन्हें प्रशिक्षण भी दिया जाएगा कि आखिर उन्हें किस तरह से आवाज लगानी है।
रोजाना होना चाहिए कैश जमा
यात्रियों के साथ परिचालकों का व्यवहार भी अच्छा होना चाहिए ताकि उनके अच्छे व्यवहार से भी रूटीन की सवारियां रोजाना उनकी बसों में सफर करें। इसके साथ निगम ने आदेश दिए हैं कि सभी परिचालकों को रोजाना अपना कैश जमा करवाना होगा। इस लिए एक निश्चित अवधि रखी गई है जिसमें उनको कैश जमा करवाना ही होगा। बसों के अलावा एचआरटीसी की राइड विद प्राइड के तहत टैक्सी सेवा चली है उन्हें भी रोजाना कैश जमा करवाने के निर्देश दिए हैं। इसमें किसी भी प्रकार की देरी के लिए संबंधित प्रभारी जिम्मेदार होगा।
एचआरटीसी को लाभ में लाने के लिए सभी को मिलकर काम करना होगा। कर्मचारियों से इस दिशा में आहवान किया गया है और कई सुधारात्मक कदम निगम उठाने जा रहा है। सभी रूटों की आमदनी का आंकलन किया जा रहा है और जहां लगातार घाटा हो रहा है वहां पर कंडक्टरों को बदला जाएगा। – रोहन चंद ठाकुर, प्रबंध निदेशक, एचआरटीसी