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हिमाचल। अब आने वाले समय में सवारियों को बड़ी राहत मिलने वाली है। बता दें कि बसों में सवारियों के टिकट मोबाइल से भी काटे जा सकेंगे। यह तकनीक काफी सस्ती होगी।
सरकारी के साथ-साथ निजी बस ऑपरेटरों के लिए भी यह फायदेमंद होगी। परिवहन विभाग ने इस योजना को लेकर काम करना शुरू कर दिया है। इसके तहत एक निजी कंपनी से संपर्क साधा गया है और कंपनी एक बार प्रेजेंटेशन भी दे चुकी है।
जानें कैसे कटेगी टिकट
विभाग के अधिकारियों के मुताबिक यह एक प्रकार का सॉफ्टवेयर है, जो मोबाइल पर डाउनलोड किया जा सकता है। इसमें सभी स्टेशन और उनकी दूरी के साथ ही किराया भी फीड रहेगा। मोबाइल एक छोटे से प्रिंटर से कनेक्ट रहेगा। कंडक्टर संबंधित स्टेशन की टिकट जैसे ही बनाएगा तो संबंधित प्रिंटर से यह जनरेट हो जाएगी। यह प्रिंटर इतना छोटा है कि ई-टिकटिंग की तरह एक छोटे बैग में रखा जा सकता है। इससे कंडक्टरों को इसे उठाने में भी किसी प्रकार की दिक्कत का सामना नहीं करना पड़ेगा। खास बात यह है कि इसकी मदद से यात्री क्यूआर कोड और कार्ड स्वैप करके भी किराये की अदायगी कर सकेंगे।
महज 1,500 रुपये प्रति बस आएगा खर्चा
इस नई तकनीक की खासियत यह है कि यह प्रति बस महज 1,500 रुपये में उपलब्ध हो पाएगी, जबकि इसी तरह की ई-टिकटिंग मशीन की कीमत 25 से 30 हजार रुपये के करीब है। यही वजह है कि जिला शिमला सहित प्रदेशभर में ऑपरेटर ई-टिकटिंग मशीनों का उपयोग नहीं कर रहे हैं। उनका कहना है कि वह इतनी महंगी मशीन खरीदने में असमर्थ हैं। इसे देखते हुए परिवहन विभाग ने इस योजना पर काम शुरू किया है। हालांकि यह अभी यह तय नहीं है कि इस विकल्प को निजी ऑपरेटरों के लिए ही उपलब्ध करवाया जाएगा या फिर एचआरटीसी बसों में भी इस सुविधा को शुरू किया जाएगा।