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पर्यटकों की संख्या में रिकॉर्ड वृद्धि, जून 2024 तक 1 करोड़ 87 हजार सैलानी पहुंचे हिमाचल

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शिमला। मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंद्र सिंह सुक्खू के सत्ता में आने के बाद से हिमाचल प्रदेश में पर्यटकों की संख्या में उल्लेखनीय वृद्धि देखी गई है। राज्य में पर्यटकों की संख्या में उल्लेखनीय वृद्धि हुई है। 2022 की पहली छमाही में राज्य ने 86.42 लाख पर्यटकों का स्वागत किया, जबकि जून 2024 के अंत तक यह संख्या बढ़कर 1,00,87,440 (एक करोड़ 87 हजार) हो गई। प्रदेश सरकार राज्य में पर्यटन अधोसंरचना को सुदृढ़ करने के लिए निरंतर नवोन्मेषी प्रयास कर रही है। सरकार के प्रयासों से राज्य में पर्यटन को पंख लगे हैं। 

पर्यटकों की संख्या में हुई उल्लेखनीय वृद्धि का श्रेय क्षेत्र में पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए राज्य सरकार द्वारा की गई सफल पहलों और प्रयासों को जाता है। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश सरकार ने राज्य में पर्यटन उद्योग के लिए मजबूत बुनियादी ढांचा सुनिश्चित करने के साथ कई कदम उठाए हैं। सड़क नेटवर्क और हवाई सम्पर्क सुविधा को सुदृढ़ किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि कांगड़ा हवाई अड्डे का विस्तारीकरण जारी है, जबकि बेहतर हवाई संपर्क सुनिश्चित करने के लिए राज्य के हर जिला मुख्यालय में हेलीपोर्ट का निर्माण किया जा रहा है। पांच हेलीपोर्ट का निर्माण कार्य शुरू हो चुका है। शिमला से बेहतर हवाई संपर्क सुनिश्चित करने के लिए संजौली हेलीपोर्ट को जल्द ही कार्यशील किया जाएगा।

पर्यटन विभाग के आंकड़ों के अनुसार 2018 की पहली छमाही में 89 लाख पर्यटक, 2019 में 99.57 लाख, 2020 में 22.04 लाख, 2021 में 19.75 लाख और 2022 में 86.42 लाख पर्यटकों ने प्रदेश का भ्रमण किया। दिसंबर 2022 में सत्ता में आने के बाद कांग्रेस सरकार ने राज्य की अर्थव्यवस्था को सुदृढ़ करने में पर्यटन की महत्वपूर्ण भूमिका को पहचानते हुए पर्यटन विकास को प्राथमिकता दी है। लाहौल-स्पीति के चंद्रताल, काजा और तांदी व किन्नौर के रकछम, नाको, चांगो और खाब में नए पर्यटन स्थलों को विकसित किया जा रहा है। इसके अलावा कुफरी के समीप हसन वैली में स्काई वॉक ब्रिज का निर्माण किया जा रहा है। 

मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार का वार्षिक 5 करोड़ पर्यटकों को आकर्षित करने का लक्ष्य है, इसके लिए सरकार साहसिक पर्यटन को प्रोत्साहित कर रही है, वहीं धार्मिक और ग्रामीण पर्यटन सैलानियों के अनुभव को चिरस्मरणीय बना रहा है। वर्ष 2024-25 के बजट में मुख्यमंत्री ने हिमाचल प्रदेश को अगले 10 वर्षों में समृद्ध और आत्मनिर्भर राज्य बनाने के लिए अपने दृष्टिकोण को रेखांकित किया है, जिसमें प्रदेश को एक प्रमुख पर्यटन स्थल बनाने पर ध्यान केंद्रित किया गया है। यह दृष्टिकोण एक खुशहाल, सांस्कृतिक रूप से समृद्ध, स्वस्थ, सक्षम, सुदृढ़ और आत्मनिर्भर हिमाचल प्रदेश के लक्ष्य को रेखांकित करता है। 

उन्होंने कहा कि कांगड़ा जिले को राज्य की पर्यटन राजधानी घोषित किया गया है। पर्यटकों के अनुभव को अविस्मरणीय बनाने के लिए यहां अधोसंरचना का विकास किया जा रहा है। बिलासपुर के गोबिंद सागर और ऊना के अंदरौली में जलक्रीड़ा पर्यटन गतिविधियां शुरू की जा रही हैं। स्थानीय लोगों की आर्थिकी को सुदृढ़ करने के लिए पौंग बांध में गर्म हवा के गुब्बारों से पर्यटन गतिविधियां संचालित करने की तैयारी है। पर्यटकों की आमद को ध्यान में रखते हुए, पर्यटन के चरम सीजन के दौरान दुकानों को 24 घंटे खुला रखने की अनुमति देने का निर्णय लिया गया है।

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