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शिमला, 13 मार्च : शिमला पुलिस (Shimla Police) द्वारा राज्य सरकार को गिराने का षड्यंत्र रचने और लेन-देन के मामले में दर्ज एफआईआर (FIR) में नामजद कांग्रेस के बागी व गगरेट के निष्कासित विधायक चैतन्य शर्मा के पिता व सेवानिवृत्त आईएएस (IAS) राकेश शर्मा और हमीरपुर से निर्दलीय विधायक आशीष शर्मा को हिमाचल हाईकोर्ट से राहत मिली है। हाईकोर्ट ने आरोपी बनाए गए इन दोनों को सशर्त अग्रिम जमानत दे दी है।
एफआईआर में नामजद होने के बाद पुलिस द्वारा पूछताछ के लिए इन्हें हिरासत में लिया जाना था। इससे बचने के लिए दोनों ने हाईकोर्ट में अग्रिम जमानत के लिए आवेदन दिया था।
हाईकोर्ट के न्यायमूर्ति रंजन शर्मा ने सुनवाई के दौरान मंगलवार को इन्हें सशर्त जमानत दे दी। हाईकोर्ट ने दोनों को जांच में सहयोग देने के निर्देश दिए हैं। उन्हें 15 मार्च को बालूगंज थाने में उपस्थित होने का आदेश दिया गया है।
बता दें कि विधायक आशीष शर्मा और सेवानिवृत्त आईएएस राकेश शर्मा के विरूद्ध शिमला के बालूगंज पुलिस स्टेशन में एफआईआर दर्ज हुई है। एफआईआर में इनके अलावा अन्य अज्ञात लोगों को भी नामजद किया गया है। आरोपियों के खिलाफ विभिन्न आपराधिक धाराएं लगाई गई हैं। कांग्रेस के दो विधायकों संजय अवस्थी और भुवनेश्वर गौड़ की शिकायत पर पुलिस ने यह एक्शन लिया है।