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योजना आयोग के उपाध्यक्ष भवानी पठानिया ने कांग्रेस के बागी विधायकों से पूछा कि जब राज्यसभा प्रत्याशी की घोषणा हुई, तब उन्होंने विरोध क्यों नहीं किया । प्रत्याशी के नाम का अनुमोदन हुआ तो उन्होंने हस्ताक्षर किए, तब भी विरोध नहीं किया।
चुनाव से एक दिन पहले कांग्रेस प्रत्याशी ने डिनर दिया तो भी विरोध नहीं किया। फिर उसके बाद उनकी क्या मजबूरी थी, डर था या लालच कि बागी हो गए।
पठानिया ने बागी विधायकों पर तंज कसते हुए कहा कि सवेरा होने पर मुर्गा बांग देता है। मुर्गे के बांग देने पर सुबह नहीं होती है। अगर मुर्गे को लगता है कि उसके बांग देने पर सुबह होती है तो यह उसकी गलतफहमी होती है।
उन्होंने बागी विधायकों पर तंज कसते हुए कहा कि हमारे मुर्गों को यह बात समझ आ गई होगी कि उनके जाने से सरकार कहीं भी हिलने वाली नहीं है।