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बिलासपुर, 17 मार्च: कांग्रेस पार्टी के छह विधायकों ने राज्यसभा चुनाव में कांग्रेस प्रत्याशी के विरुद्ध मतदान किया। उन्होंने कहा कि ईमान बेचने वाला हमेशा डरता है, जबकि स्वाभिमानी व्यक्ति कभी नहीं डरता है। जो लोग जनता के वोट से सत्ता नहीं बना सके, वह धन बल से सत्ता हथियाना चाहते हैं। भाजपा में मुख्यमंत्री पद की होड़ लगी है। बागी एक जगह से दूसरी जगह जा रहे हैं। बागियों ने जनता के वोट का अपमान किया है। जनता को उन्हें अपने वोट की ताकत का एहसास कराना चाहिए।
उन्होंने कहा कि प्रदेश में विधानसभा चुनाव के बाद सामान्य परिवार से सम्बंध रखने वाले व्यक्ति को मुख्यमंत्री के रूप में जनता की सेवा करने का अवसर मिला है और वह पहले ही दिन से आम आदमी तक सरकारी योजनाओं का लाभ पहुंचाने के लिए दिन-रात कार्य कर रहे हैं। पिछली भाजपा सरकार ने 75 हजार करोड़ का कर्ज व सरकारी कर्मचारियों की 10 हजार करोड़ रुपये की देनदारियां विरासत में दीं। इसके बावजूद राज्य सरकार ने 1.36 लाख सरकारी कर्मचारियों के लिए पुरानी पेंशन योजना लागू की। उन्होंने कहा कि यह प्रदेश सरकार की दृढ़ इच्छाशक्ति का प्रमाण है।
ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा ‘‘उम्मीद नहीं की थी कि जिस कांग्रेस पार्टी की विचारधारा पर चुन कर आने वाले छह विधायक पार्टी को धोखा देंगे। सरकार को अस्थिर करने के लिए मेरे इस्तीफे की अफवाहें फैलाई गई। अब हिमाचल प्रदेश की जनता भी उनके कभी माफ नहीं करेगी। जो धन बल का प्रयोग करते हैं, वो जनता की सेवा कभी नहीं सकते। हमने कभी अपना ईमान नहीं बेचा, क्योंकि हमारे परिवार ने हमें ऐसे संस्कार दिए हैं। हर संघर्ष कर जनता की सेवा कर रहे हैं।’’
सीएम सुक्खू ने कहा राजेश धर्माणी के साथ उनके पारिवारिक संबंध हैं। एक साधारण परिवार से निकलकर वह व राजेश धर्माणी राजनीति में आए और भगवान के आशीर्वाद से आगे बढ़े।