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बिलासपुर, 14 मार्च: बिलासपुर और सोलन जिलों की सीमाओं पर लगने वाली विवादित अलीखद्ध पेयजल योजना का मुद्दा मुख्यमंत्री के दरबार तक पहुंच गया है। बुधवार को शिमला में मुख्यमंत्री के साथ संघर्ष समिति की ओक ओवर में बैठक सौहार्दपूर्ण वातावरण में हुई जो कि वार्ता सकारात्मक रही ।
इस वार्ता में बिलासपुर के मंत्री राजेश धर्माणी ने भी संघर्ष समिति द्वारा उठाई जा रहे अति संवेदनशील विषय पर मुख्यमंत्री के समक्ष बिलासपुर के हकों की वकालत की। मुख्यमंत्री ने संघर्ष समिति की बात को गंभीरतापूर्वक सुना व विस्तार पूर्वक समझा।
मुख्यमंत्री ने संघर्ष समिति को आश्वस्त किया कि किसी के हकों को छीना नहीं जाएगा व शीघ्र ही अधिकारी वर्ग से बातचीत कर इस समस्या का सकारात्मक हल निकाल लिया जाएगा। वहीं, संघर्ष समिति ने तय किया है कि जब तक सरकार के स्तर पर फैसला नहीं हो जाता तब तक आंदोलन पहले ही की तरह शांतिपूर्वक चलता रहेगा।
संघर्ष समिति के प्रतिनिधि मंडल में नम्होल पंचायत प्रधान जीवन लता ठाकुर, संघर्ष समिती के संयोजक व अध्यक्ष रजनीश शर्मा, शिकरोहा पंचायत प्रधान भूपचंद, पंचायत प्रधान लता चंदेल, निहारखन उप प्रधान नरेंद्र ठाकुर, धर्मपाल, जितेंद्र ठाकुर, कर्म चंद ठाकुर उपाध्यक्ष (समिति), सुरेंद्र ठाकुर सचिव (समिति), अखिल शर्मा राष्ट्रीय सचिव टावर लाइन शोषित जागरूकता मंच, संघर्ष समिति के संयोजक व अध्यक्ष रजनीश शर्मा ने आशा जताई कि मुख्यमंत्री 1-2 दिनों में इस मुद्दे पर फाइनल निर्णय ले लेंगे, समिति पूर्ण रूप से आश्वस्त है कि मुख्य मंत्री का निर्णय बिलासपुर के किसानों व खेती बचाने के पक्ष में रहेगा।