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हिमाचल प्रदेश में JOA-IT के रिजल्ट पर सरकार आज फैसला ले सकती है। मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू की अध्यक्षता में होने वाली कैबिनेट मीटिंग में इस पर चर्चा होगी। इसी तरह कैबिनेट में इंडस्ट्री डिपार्टमेंट के लिए बनाई गई खनन पॉलिसी, SMC और कंप्यूटर टीचर की पॉलिसी को लेकर भी फैसला हो सकता है। इसमें राज्यपाल के बजट अभिभाषण के ड्राफ्ट को मंजूरी मिलेगी।
गौरतलब है कि सुप्रीम कोर्ट और हिमाचल हाईकोर्ट ने JOA-IT का रिजल्ट घोषित करने के निर्देश दे रखे हैं। मगर, अब तक रिजल्ट को लेकर कोई हलचल नजर नहीं आ रही। बीते दिनों मुख्यमंत्री सुक्खू ने JOA-IT को भरोसा दिया था कि दूसरे कैबिनेट मंत्रियों से मुलाकात करके उन्हें मनाए। वह खुद रिजल्ट निकालने को तैयार हैं।
प्रदेश के करीब 2 लाख बेरोजगारों ने विभिन्न पोस्ट कोड में JOA-IT की परीक्षा दे रखी है। मगर, पूर्व में कोर्ट में मामला होने की वजह से दो-तीन सालों से रिजल्ट नहीं निकल पा रहा। अब कोर्ट भी रिजल्ट निकालने के निर्देश दे चुका है, लेकिन सरकार की चिंता इस बात को लेकर है कि रिजल्ट किस एजेंसी के माध्यम से निकाला जाए, क्योंकि स्टाफ सिलेक्शन कमीशन भंग है और राज्य लोक सेवा आयोग रिजल्ट निकालने को मना कर चुका है।
कांग्रेस ने दिया था पॉलिसी बनाने का भरोसा: बजट सत्र से पहले आज हो रही मीटिंग पर SMC और कंप्यूटर टीचर की भी नजरें टिकी हुई हैं। SMC टीचर बच्चों को पढ़ाने का काम बंद करके क्रमिक अनशन शुरू कर चुके हैं। वहीं, 20 सालों से अधिक समय से सेवाएं दे रहे कंप्यूटर टीचर भी पॉलिसी के इंतजार में हैं।
कैबिनेट सब कमेटी की सिफारिश पर बन सकती है पॉलिसी विपक्ष में रहते हुए कांग्रेस ने SMC और कंप्यूटर टीचर दोनों को पॉलिसी बनाने का आश्वासन दिया था। इसी मकसद से कांग्रेस सरकार ने शिक्षा मंत्री की अध्यक्षता में कैबिनेट सब कमेटी गठित की थी। तीन रोज पहले संपन्न कैबिनेट सब कमेटी ने पॉलिसी बनाने की सिफारिश सरकार को कर दी है। अब इनका क्या करना है, इसका फैसला आज की कैबिनेट में होगा।
कर्मचारी चयन आयोग को लेकर हो सकता है फैसला आज की मीटिंग में नए चयन आयोग को फंक्शनल बनाने को लेकर भी चर्चा हो सकती है, क्योंकि प्रदेश में बीते 13 महीने के दौरान नई भर्तियां नहीं हो सकती। प्रदेश में स्टाफ सिलेक्शन कमिशन भंग पड़ा है। नया आयोग अभी फंक्शनल नहीं हो पाया। इससे हजारों बेरोजगार परेशान बैठा है। भर्तियों को लेकर अब बेरोजगारों के साथ साथ विपक्ष भी सरकार पर हमलावर हो गया है। नई भर्तियां शुरू करने के लिए चयन आयोग का फंक्शनल होना अनिवार्य है।