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मंडी, 08 जनवरी : विकास खंड गोपालपुर की बलद्वाड़ा पंचायत की प्रधान को लंबी जद्दाेजहद के बाद आखिर उपायुक्त मंडी की ओर से जारी आदेश के तहत पद से हटा दिया गया है। उपायुक्त मंडी ने नामांकन के समय प्रधान की ओर से दी गई गलत जानकारी के चलते पंचायतीराज अधिनियम का प्रयोग करते हुए ये आदेश जारी किए हैं। अतिक्रमण को लेकर पंचायत प्रधान ने गलत जानकारी अपने शपथ पत्र में दी थी।आदेश में उपायुक्त अधिनियम की धारा 146 (2) के प्रावधान अनुसार छह वर्ष की कालावधि के लिए पंचायत के पदाधिकारी के रूप में निर्वाचन के लिए अघोषित किया है। अधिनियम की धारा 131 के तहत प्रधान ग्राम पंचायत बलद्वाड़ा विकास खंड गोपालपुर के पद को रिक्त घोषित किया है। प्रधान को कहा गया है कि अगर उनके पास ग्राम पंचायत का कोई भी अभिलेख, चल या अचल संपत्ति हो तो उसे तुरंत संबंधित पंचायत सचिव को सौंप दें।
जानकारी के मुताबिक ज्ञानो देवी के खिलाफ लगे आरोपों के बाद उन पर हिमाचल प्रदेश पंचायती राज अधिनियम, 1994 (संशोधित) की धारा 181 के तहत उपायुक्त मंडी के समक्ष अपील दायर की गई थी। उपायुक्त मंडी की ओर से 25 अप्रैल 2023 में एसडीएम सरकाघाट की ओर से पारित निलंबन के आदेशों को सही ठहराते हुए ज्ञानो देवी पर लगे आरोप सही पाए जाने पर फैसले को सही बताया था, लेकिन ज्ञानो देवी ने उच्च न्यायालय में याचिका दायर कर दी थी। इस याचिका को उच्च न्यायालय ने 19 अक्तूबर 2023 को खारिज कर दिया है।
इसके फलस्वरूप ज्ञानो देवी को विकास खंड अधिकारी गोपालपुर की ओर से कारण बताओ नोटिस 18 दिसंबर 2023 जारी किया गया था और उक्त नोटिस के संबंध में ज्ञानो देवी संतोषजनक नहीं दे पाई। ऐसे में उपायुक्त ने हिमाचल प्रदेश पंचायती राज अधिनियम, 1994 (संशोधित) की धारा 122(1)(ग) के प्रावधान के तहत सरकारी भूमि पर अतिक्रमण होने और प्रधान पद के लिए नामांकन दाखिल करते समय गलत घोषणा पत्र देने के फलस्वरूप निर्वाचन को रद्द किए जाने के दृष्टिगत हिमाचल प्रदेश पंचायती राज अधिनियम, 1994 (संशोधित) की धारा 146 1(क) के प्रावधान के तहत तत्काल निष्कासित किया है। उधर, उपायुक्त मंडी अरिंदम चौधरी ने आदेश जारी होने की पुष्टि की है।