हिमाचल : आदेशों को चुनौती देने सुप्रीम कोर्ट पहुंचे हिमाचल के DGP संजय कुंडू, हाई कोर्ट ने पद से हटाने के दिए है आदेश

Anil Kashyap
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न्यूज अपडेट्स 
हिमाचल प्रदेश के पुलिस महानिदेशक (DGP) संजय कुंडू सुप्रीम कोर्ट पहुंच गए हैं। दरअसल, हिमाचल हाईकोर्ट ने कारोबारी निशांत शर्मा को धमकाने से जुड़े केस में बीते मंगलवार को DGP और SP कांगड़ा को पद से हटाने के आदेश दिए है। इन आदेशों को चुनौती देने के लिए संजय कुंडू ने शीर्ष अदालत का दरवाजा खटखटाया है। संजय कुंडू IPS बनाम रजिस्ट्रार जनरल हाईकोर्ट ऑफ हिमाचल प्रदेश का केस सुप्रीम कोर्ट में अभी लिस्ट होना है।

हाईकोर्ट ने निशांत शर्मा की शिकायत पर स्वतः संज्ञान लिया था। इस केस में चीफ जस्टिस एमएस रामचंद्र राव और जस्टिस ज्योत्सना रेवाल दुआ की बैंच ने हिमाचल के सेक्रेटरी (होम) को निर्देश दिए कि मामले की निष्पक्ष जांच के लिए इन दोनों अफसरों को उनके पदों से बदला जाना चाहिए। हाईकोर्ट में अब 4 जनवरी को इसकी फिर सुनवाई होनी है। लिहाजा राज्य सरकार को इससे पहले DGP को बदलना है। ऐसा नहीं किया तो अदालत के आदेशों की अवमानना मानी जाएगी।

कोर्ट के संज्ञान लेने पर 21 दिन की देरी से की FIR: मूल रूप से कांगड़ा के रहने वाले कारोबारी निशांत शर्मा ने 28 अक्टूबर को कांगड़ा पुलिस को शिकायत देकर कुछ लोगों पर उन्हें धमकाने के साथ-साथ DGP संजय कुंडू पर भी गंभीर आरोप लगाए थे लेकिन पुलिस ने FIR दर्ज नहीं की। इसी बीच निशांत शर्मा की ओर से की गई ईमेल पर हाईकोर्ट ने स्वतः: संज्ञान लिया। तब कांगड़ा पुलिस ने 21 दिन बाद निशांत शर्मा की शिकायत पर एक्शन लेते हुए मैक्लोडगंज थाने में दो अज्ञात लोगों के खिलाफ FIR दर्ज की।

बेहद हाई प्रोफाइल मामला होने की वजह से हाईकोर्ट खुद इस केस की मॉनिटरिंग कर रहा है। कांगड़ा पुलिस लगभग दो महीने बाद भी निशांत शर्मा को धमकाने वाले लोगों को आइडेंटिफाई नहीं कर पाई। हाईकोर्ट ने 20 दिसंबर को ही केस की सुनवाई के दौरान बेहद सख्त टिप्पणी करते हुए सरकार से पूछा था कि इस मामले में वह कोई कार्रवाई करेगी या फिर कोर्ट खुद ही ऑर्डर जारी करे। इस टिप्पणी के हफ्तेभर बाद मंगलवार को केस की सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट ने DGP संजय कुंडू और कांगड़ा की SP शालिनी अग्निहोत्री को पद से हटाने के अंतरिम आदेश जारी कर दिए।

DGP ने बार-बार फोन किए, निशांत की सर्विलांस कराई: हिमाचल हाईकोर्ट ने दोनों अफसरों को हटाने संबंधी अपने अंतरिम आदेश में कहा कि DGP संजय कुंडू ने निशांत शर्मा को बार-बार फोन कॉल किए। DGP ने कुछ पुलिस कर्मचारियों को भी निशांत की सर्विलांस में लगाया। 

कांगड़ा की SP शालिनी अग्निहोत्री के बारे में अदालत ने कहा कि निशांत शर्मा की शिकायत पर कांगड़ा पुलिस ने प्रभावी ढंग से जांच नहीं की। अदालत ने कहा कि न्याय होना ही नहीं चाहिए बल्कि दिखना भी चाहिए कि न्याय हुआ है ताकि समाज में स्पष्ट संदेश जाए। इसी को देखते हुए हाईकोर्ट ने दोनों IPS अफसरों को उनके मौजूदा पदों से हटाने के आदेश दिए हैं ।अपने 17 पेज के अंतरिम आदेश में कोर्ट ने स्पष्ट किया कि वह दोनों पक्षों के दावों की योग्यता पर कोई राय व्यक्त नहीं कर रहे। मामले की जांच अभी भी पूरी नहीं हुई है।

शिकायतकर्ता ने जताया था निष्पक्ष जांच में संदेह: दरअसल, 20 दिसंबर को केस की सुनवाई के दौरान शिकायतकर्ता निशांत शर्मा के वकील नीरज गुप्ता ने अदालत में दलील दी थी कि जब तक संजय कुंडू हिमाचल पुलिस के DGP पद पर कायम हैं, तब तक इस केस की निष्पक्ष जांच संभव नहीं है। इस पर हाईकोर्ट की बैंच ने बेहद सख्त टिप्पणी करते हुए राज्य सरकार से पूछा था- इस केस में आपने कुछ करना है या हम ही ऑर्डर करें?

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