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शिमला, 03 दिसंबर: मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने पूर्व जयराम सरकार पर व्यवस्था बदहाल करने का आरोप लगाया है। ऊना में जनसभा को संबोधित करते हुए सुक्खू ने कहा कि पूर्व जयराम सरकार में जमकर धांधलियां हुईं। अधीनस्थ चयन बोर्ड हमीरपुर में खुलेआम नौकरियां बिकीं, पेपर लीक हुए और क्रिप्टो करंसी के नाम पर करोड़ों रुपए का गबन हुआ। सरकार मूकदर्शक बनी रही। खनन के नाम पर 100 करोड़ रुपए का घोटाला हुआ। उन्होंने कहा कि प्रदेश के खजाने को खाली कर भाजपा सरकार विदा हुई।
सुक्खू ने कहा कि ऐसा पहली बार हुआ है कि आपदा के समय भाजपा विधायक दल लोगों की सहायता के लिए खड़ा नहीं हुआ। भाजपा के 3 सांसद भी कोई योगदान नहीं कर पाए और प्रधानमंत्री के समक्ष राज्य का पक्ष नहीं रखा।सीएम ने कहा कि जयराम सरकार 75 हजार करोड़ का कर्जा देकर चली गई। जब कांग्रेस सरकार बनी तो खजाना खाली था। डिप्टी सीएम मुकेश के साथ मिलकर योजना बनाई गई। चुनौतियां काफी थीं। सरकार ने सख्त फैसले भी लिए और जो संपदा लूट रहे थे उनसे लड़ाई भी शुरू की।
भाजपा ने न रोजगार पर ध्यान दिया और न ही प्रदेश में संसाधन बढ़ाने की दिशा में कदम उठाए। लाखों युवाओं के भविष्य के साथ जयराम सरकार ने खिलवाड़ किया था। जेओए आईटी के पदों की संख्या 1867 थी और उम्मीदवार 2.27 लाख थे। वर्ष 2020 से मामला न्यायालय में लम्बित था।
इसी प्रकार पोस्ट कोड-939 जेओए आईटी के पदों की संख्या 295 थी, उम्मीदवार 130 थे और यह भी मामला न्यायालय में लम्बित था। इधर हमीरपुर में पूरी तरह से पेपरों की खरीद-फरोख्त हो रही थी। सुक्खू ने कहा कि कुछ लोग भ्रम फैलाकर बातें करते हैं। मैं और मुकेश पूरी तरह से इकट्ठे हैं और सरकार का सही संचालन हो रहा है।