हिमाचल: चुनावी घोषणा पत्र में किए वादे भूली सरकार, टैक्सी ऑपरेटर्स पर डाला अतिरिक्त बोझ: राम रत्न

Anil Kashyap
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▪️सरकार ने कर्मचारियों को दिया ओपीएस, 5 रूपये डीजल बढ़ाकर ऑपरेटरों पर डाला अतिरिक्त बोझ

न्यूज अपडेट्स 
मंडी, 10 सितंबर : कोरोना काल के बाद अब आपदा ने हिमाचल के टैक्सी ऑपरेटरों की कमर तोड़ के रख दी है। कोरोना के पहले झटके से लोग ऊभर ही रहे थे कि दूसरे झटके ने अर्थव्यवस्था को पाताल में पहुंचा दिया है। वर्तमान कांग्रेस सरकार विधानसभा चुनावों के दौरान अपने चुनावी मेनिफेस्टो में सूबे के 30 हजार टैक्सी ऑपरेटरों के साथ किए वायदे को भूल गई है।

प्रदेश सरकार ने सरकारी कर्मचारियों को ओल्ड पेंशन स्कीम देकर 5 रूपये डीजल पर बढ़ाकर टैक्सी ऑपरेटर पर अतिरिक्त बोझ डाला है। यह आरोप रविवार को हिमाचल प्रदेश टैक्सी ऑपरेटर एवं ड्राइवर एसोसिएशन के मुख्य सलाहाकार राम रत्न ने लगाए हैं। उन्होंने कहा कि वर्तमान सरकार ने टैक्सी ऑपरेटरों का परमिट 12 से 15 साल करने का वायदा किया था। 

लेकिन सरकार के कार्यकाल के 9 महीने पूरा होने के बावजूद अभी तक इस ओर कोई कदम नहीं उठाया गया है। टैक्सी ऑपरेटरों द्वारा बार-बार मांगों को पूरा करने की अपील की जा रही है और दुखी होकर आपदा के समय मांगों को लेकर सरकार से टकराव का रास्ता अपनाने जा रहे हैं। प्रदेश में 30 हजार टैक्सी चालक अब सड़क पर आने के लिए मजबूर हो गए हैं। उन्होंने कहा कि प्रदेश में प्राईवेट गाड़ियों द्वारा टैक्सी का कार्य करने से भी गरीब टैक्सी चालकों को भारी नुकसान झेलना पड़ रहा है। रामरतन ने कहा कि अब हिमाचल प्रदेश टैक्सी ऑपरेटर एवं ड्राइवर एसोसिएशन अपनी मांगों को लेकर प्रदेश सरकार के खिलाफ टकराव का रास्ता अपनाने जा रही है। 
 
प्रदेश की सभी टैक्सी ऑपरेटर यूनियनों के पदाधिकारियों ने रविवार को हिमाचल ,प्रदेश टैक्सी ऑपरेटर एवं ड्राइवर एसोसिएशन के बैनर के तले अपनी मांगों को लेकर मंडी जिले के सुंदरनगर में प्रदेशस्तरीय बैठक कर अपनी मांगों पर मंथन किया गया। इस मौके पर संयुक्त व्यापार संगठन सुंदरनगर के अध्यक्ष सुरेश कौशल ने बतौर विशेष अतिथि शिरकत की।

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